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Opinion : शाइस्ता अम्बर की बात समझें मुसलमान - Sabguru News
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Opinion : शाइस्ता अम्बर की बात समझें मुसलमान

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Opinion : शाइस्ता अम्बर की बात समझें मुसलमान

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देश में राजनैतिक व्यवस्था परिवर्तन के बाद जिन लोगों को सत्ता से दूर होना पड़ा या जो शक्तियां परदे के पीछे से सत्ता पर काबिज कांग्रेस का समर्थन करती रही हैं उनके द्वारा सर्वाधिक निशाना यदि किसी पर साधा जा रहा है तो वह है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ।

सर्वविदित है कि संघ का राजनीति से कोई लेना देना नहीं रहा है वह तो विशुद्ध रूप से गैर राजनैतिक स्वयंसेवी संगठन है। हां इतना जरुर है कि कांग्रेस को सत्ताच्युत करने वाला राजनीतिक दल भाजपा संघ विचारों से प्रेरित है और भाजपा में तमाम ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं, उनमें से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी एक हैं।

शायद यही कारण है कि कांग्रेस, वामपंथी सहित इनके तमाम सहयोगी संघ पर न केवल तमाम अनर्गल आरोप लगाते रहे हैं बल्कि संघ से ईष्र्या भी करते हैं। कई बार तो सिमी, आईएसआईएस जैसे मानवता के दुश्मन संगठनों तक से संघ की तुलना करके उसे बदनाम करने की कोशिश की जाती रही है।

यहां तक कि कांग्रेस जब सत्ता में रही तो संघ पर कई बार प्रतिबंध भी थोपा गया, आपातकाल के समय संघ स्वयंसेवकों पर इतने अमानुषिक कृत्य किए गए कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन संघ को बदनाम करने, संघ के स्वयंसेवकों पर झूठे आरोप लगाने, उस पर साम्प्रदायिकता फैलाने उसे मुस्लिम विरोधी साबित करने के सभी षड्यंत्र असफल ही साबित हुए हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने राष्ट्रनिष्ठ कार्यों, देशभक्तिपूर्ण गतिविधियों तथा समरसता का भाव जन-जन में संचार करने के कारण लगातार आगे बढ़ता रहा है और आज वह दुनिया का सबसे बड़ा गैर राजनीतिक, सामाजिक, स्वयंसेवी संगठन है।

अब तो भारत में निवास करने वाले राष्ट्रभक्त मुसलमान भी संघ की रीतियों-नीतियों की सराहना करने में पीछे नहीं हैं। यहां लिखने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों से प्रेरित संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से जुड़े मुसलमानों की संख्या आज हजारों में जा पहुंची है।

पिछले दिनों जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत लखनऊ के प्रवास पर आए थे उनसे मुलाकात करने ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर पहुंची थीं।

इस मुलाकात के बाद उन्होंने संघ के बारे में जो कुछ कहा उसे इस देश के संघ विरोधी कट्टरवादी व इस्लाम परस्त मुसलमानों को ध्यान से पढऩा चाहिए, यह इस कारण से और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि संघ के बारे में व्यक्त विचार एक मुस्लिम के हैं।

Muslim Women Personal Law Board president Shaista Ambar
Muslim Women Personal Law Board president Shaista Ambar met RSS chief Mohan Bhagwat

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर देश में अनावश्यक भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। उनका मानना है कि ऐसा नहीं है कि संघ सिर्फ हिन्दुत्व की ही बात करता है। शाइस्ता ने यहां तक कहा कि उन्होंने लखनऊ आए संघ प्रमुख डॉ. मोहन जी भागवत को एक कार्यक्रम में सुना जिसमें उन्होंने समाज को जोडऩे, मानवता और राष्ट्र को मजबूत बनाने की बात कही।

साथ ही उन्होंने किसी भी दूसरे धर्म या समुदाय विशेष के बारे में कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की जिससे यह अहसास होता हो कि संघ केवल हिन्दुत्व का हिमायती है या केवल हिन्दुत्व की बात कहता है। वह समाज के सभी वर्गों व धर्मावलम्बियों को जोडऩे का संदेश दे रहे थे।

शाइस्ता का यह बयान वास्तव में एक सच्चाई कही जा सकती है। देश के तमाम मुस्लिम या फिर तमाम ऐसे लोग जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राजनीतिक चश्मे से देखते हैं, उन्हें अपनी मानसिकता में बदलाव की जरुरत है।

संघ न तो राजनीतिक संगठन है और उसकी कोई भी गतिविधि अपने देश अपनी मातृभूमि और यहां निवास करने वाले जन-जन को दृष्टिगत रखते हुए संचालित की जाती है। देश में कई बार जब प्राकृतिक आपदा आती है तब संघ स्वयंसेवकों द्वारा बिना जाति-धर्म, सम्प्रदाय देखे मदद की जाती है।

ऐसी स्थिति में उस पर मुस्लिम विरोधी अथवा साम्प्रदायिकता का आरोप कैसे लगाया जा सकता है। संघ से तो केवल वही नफरत करते हैं जो या तो संघ को ठीक से समझते नहीं हैं या फिर जिनकी गतिविधियां इस राष्ट्र के प्रति संदिग्ध हैं।

प्रवीण दुबे