नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने आईपीएल के छठे संस्करण में हुई कथित सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में मुद्गल समिति की जांच के दायरे में रहे चार प्रमुख खेल हस्तियों के नामों का खुलासा कर दिया है, जिनमें बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन भी शामिल हैं।
शुक्रवार को जांच के दायरे में रहे इन चार क्रिकेट हस्तियों के नाम सामने आने के बाद क्रिकेट जगत से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं और दोषियों को सजा देने की मांग की गई। इस बीच बीसीसीआई ने 20 नवंबर को होने वाली वार्षिक आम सभा की बैठक दोबारा चार सप्ताह के लिए टाल दी।
इससे पहले एक सितंबर को न्यायालय द्वारा श्रीनिवासन को दोबारा उनके पद पर बहाल करने से ठुकराए जाने के बाद भी बीसीसीआई ने एजीएम और चुनाव को टालने का फैसला लिया था।
न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायाधीश एफएम कलिफुल्लाह की पीठ ने कहा कि मुद्गल समिति की जांच में श्रीनिवासन, बीसीसीआई के अधिकारी सुंदर रमन, आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल और श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन सहित कम से कम तीन अन्य खिलाड़ी भी शामिल हैं।
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि श्रीनिवासन, मयप्पन, सुंदर रमन और राज कुंद्रा की मामले में कथित भूमिका के आरोपों को देखते हुए अदालत इन चारों को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इस मामले के मुख्य याचिकाकर्ता बिहार क्रिकेट संघ के आदित्य वर्मा और बीसीसीआई को भी यह रिपोर्ट दी जाएगी। न्यायालय ने हालांकि कहा कि बंद लिफाफे में दिए खिलाडियों के नामों को अभी उजागर नहीं किया जाएगा।
सभी पक्षों को रिपोर्ट मिलने के चार दिनों के अंदर अपनी असहमतियों से अवगत कराना होगा, तथा उसके अगले चार दिनों में वे अपने प्रतिवादियों के विरोध पर अपनी प्रतिक्रिया न्यायालय में दाखिल कर सकेंगे। मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को की जाएगी।
बीसीसीआई की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जब कोर्ट से अगली सुनवाई के लिए दो दिसंबर तक का समय मांगा तो न्यायालय ने कहा कि हमने चुनाव नहीं रोके। आप लोगों ने खुद इसे रोक रखा है।
श्रीनिवासन व अन्य लोगों के नाम उजागर होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने कहा कि मुद्गल समिति द्वारा रिपोर्ट न्यायालय को सौंपने के बाद न्यायालय द्वारा उजागर व्यक्तियों को जेल में डाला जाए।
मोदी ने ट्वीट किया कि रिपोर्ट में जिन-जिन लोगों के नाम हैं उन्हें उनके अपराध की सजा दी जाए। उदाहरण पेश किया जाना चाहिए। इन सब पर लगे सार्वजनिक पैसे का भी मूल्यांकन होना चाहिए। मामले में मुख्य याचिकाकर्ता बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा कि श्रीनिवासन ने बीसीसीआई की छवि धूमिल की है।
वर्मा ने कि आज तीन क्रिकेट हस्तियों के नाम उजागर हुए और अभी छह और लोगों के नाम सामने आने हैं। बीसीसीआई के लिए यह शर्म की बात है। भारत के पूर्व धुरंधर स्पिन गेंदबाज बिशन सिंह बेदी ने न्यायालय के आदेश की सराहना करते हुए कहा कि क्या अब भी बीसीसीआई को संदेहजनक माहौल में देखे जाने की जरूरत रह गई है?
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि कोर्ट के इस निर्णय का भारत के आगामी आस्ट्रेलिया दौरे पर असर नहीं पड़ना चाहिए। वे चुनाव कराने की जल्दबाजी में नहीं हैं। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने भी वार्षिक बैठक टालने के बोर्ड के निर्णय की आलोचना की और कहा कि यह बोर्ड के संविधान के खिलाफ है।
इसी सिलसिले में शुक्रवार को ही दिल्ली की एक अदालत ने फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी में आरोपियों एस. श्रीसंत, अजीत चंदेला, अंकित चव्हाण और अन्य आरोपियों पर आठ दिसंबर से आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।