मुंबई। एन श्रीनिवासन को सोमवार को आईसीसी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया जब बीसीसीआई ने उनकी जगह अपने नव निर्वाचित अध्यक्ष शशांक मनोहर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के पद पर मनोनीत करने का फैसला किया। श्रीनिवासन को हटाने का फैसला बीसीसीआई की 86वीं सालाना आम बैठक में लिया गया।
पिछले साल जून में आईसीसी अध्यक्ष बने श्रीनिवासन का कार्यकाल अगले साल जून में खतम होना था। उनकी जगह बाकी समय केलिए मनोहर आईसीसी अध्यक्ष रहेंगे।
समझा जाता है कि श्रीनिवासन की जगह मनोहर को अध्यक्ष बनाने का फैसला एजीएम में लिया गया। मनोहर यदि आईसीसी बैठकों में भाग नहीं ले पाते हैं तो शरद पवार भारत के प्रतिनिधि होंगे। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट में श्रीनिवासन के दौर का भी अंत हो गया। उन्हें 2013 के आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी के आरोपों का दोषी पाया गया था। अब श्रीनिवासन सिर्फ तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं। उनकी कंपनी इंडिया सीमेंट्स चेन्नई सुपर किंग्स टीम की मालिक है जिसे आईपीएल से दो साल के लिये निलंबित कर दिया गया है।
मनोहर आईसीसी की कार्यकारी समिति को जून 2016 तक संभालेंगे। बीसीसीआई की मुंबई में 86वीं आम वार्षिक बैठक में श्रीनिवासन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। मनोहर ने पहले ही इस बात के संकेत दिये थे कि श्रीनिवासन को वैश्विक क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व का मौका भी नहीं दिया जाएगा।
वर्ष 2013 आईपीएल भ्रष्टाचार मामले में हितों के टकराव और दामाद गुरूनाथ मेयप्पन के सट्टेबाजी में संलिप्तता के कारण विवादों और जांच के घेरे में आए श्रीनिवासन पहले ही बीसीसीआई प्रमुख का पद गंवा बैठे थे और इस कारण से क्रिकेट प्रबंधन में उनकी पकड़ लगातार कमजोर पड़ती जा रही थी।
भारतीय बोर्ड के बाद अब वैश्विक क्रिकेट में भी श्रीनिवासन को बाहर किए जाने के बाद उनका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर क्रिकेट में दबदबा समाप्त हो गया है।
इसके अलावा आईपीएल छह की भ्रष्टाचार जांच समिति पहले ही उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को आईपीएल से भी दो साल के लिए निलंबित कर चुकी है। हालांकि श्रीनिवासन अभी भी तमिलनाडु क्रिकेट संघ के प्रमुख जरूर बने हुए हैं और यही एकमात्र पद फिलहाल इस खेल में उनके पास है।
दरअसल श्रीनिवासन के विश्वस्त माने जाने वाले आईपीएल के मुख्य संचालन अधिकारी सुंदर रमन के तीन नवंबर को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद ही इसके संकेत मिलना शुरू हो गए थे कि श्रीनिवासन के लिए भी आईसीसी में बने रहना अब आसान नहीं होगा।
रमन की बीसीसीआई में उपस्थिति से नाखुश मनोहर ने ही रमन को एजीएम में उनके इस्तीफे की चर्चा करने के बजाय स्वत: ही पद छोडऩे का विकल्प दिया था। आईपीएल भ्रष्टाचार मामले में रमन की भूमिका पर भी सबसे अधिक सवाल उठे थे। रमन वर्ष 2008 से आईपीएल के अस्तित्व में आने के बाद से ही लीग का कामकाज संभाल रहे थे और श्रीनिवासन के बेहद करीबी माने जाते थे।