Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
श्रीनिवासन साबित करें नहीं था हितों का टकराव - Sabguru News
Home Sports Cricket श्रीनिवासन साबित करें नहीं था हितों का टकराव

श्रीनिवासन साबित करें नहीं था हितों का टकराव

0

N srinivasan replies to supreme court says all allegations against him are false

नई दिल्ली। बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से अलग किए गए एन श्रीनिवासन ने सुप्रीमकोर्ट में सोमवार को अपने बचाव में कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे है। जबकि सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि श्रीनिवासन साबित करें कि आईपीएल 6 घोटाले की जांच में उन्हें लेकर कोई हितों का टकराव नहीं था।

आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले को लेकर न्यायाधीश मुकुल मुeल समिति की रिपोर्ट पर सुनवाई कर रही सुप्रीमकोर्ट की खंडपीठ ने पिछले सुनवाई में श्रीनिवासन के ऊपर हितों के टकराव को लेकर सवाल उठाए थे। न्यायाधीश टीएस ठाकुर और एफएम कलीफुल्ला की खंडपीठ ने श्रीनिवासन के वकील कपिल सिब्बल के सुनवाई के दौरान बार बार केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली का नाम लेने पर भी गहरी आपत्ति व्यक्त क रते हुए कहा कि आप बार बार जेटली का नाम ले रहे हैं जिनका यहां प्रतिनिधित्व नहीं है। वह यहां पक्ष नहीं हैं। किसी ऎसे व्यक्ति का नाम न लें जिनका यहां प्रतिनिधित्व नहीं है।

सिब्बल ने सुनवाई के दौरान जोर देकर कहा था कि जेटली के सुझाव पर घोटाले की जांच के लिए बीसीसीआई जांच पैनल गठित किया गया था और जेटली का मानना था कि जांच पैनल बीसीसीआई के हस्तक्षेप से मुकत होना चाहिए। सर्वोच्च अदालत ने इसी के साथ बीसीसीआई को आईपीएल के वित्तीय मॉडल की विस्तृत जानकारी देने के लिए भी कहा। अदालत ने बोर्ड से लीग में खिलाडियों की खरीददारी और फ्रेंचाइजियों के कमाई के तरीके के बारे में पूछा। इस मामले पर अगली सुनवायी आठ दिसंबर को होगी।
श्रीनिवासन ने सुप्रीमकोर्ट में कहा कि जब मुझे अपने दामाद के खिलाफ लगे आरोपों के बारे में पता लगा तो मैंने त्वरित कार्रवाई की। बीसीसी आई ने मेयप्पन और राज कुंद्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई का अधिकतर हिस्सा श्रीनिवासन को लेकर हितों के टकराव के मुद्दे पर था इसलिए खंडपीठ ने कहा कि हितों के टकराव के मुद्दे पर अलग अलग विचार सामने हैं इसलिए आपको परदा उठाना होगा।

सिब्बल ने तर्क दिया कि मुeल जांच समिति और बाम्बे हाईकोर्ट ने हितों के टकराव के मुद्दे पर श्रीनिवासन के खिलाफ कोई तथ्य नहीं पाया था। यदि आप परदा उठा भी दें तो आप हितों के टकराव पर कुछ नहीं पाएंगे। उनके प्रतिद्वंदी उन्हें सिर्फ बीसीसीआई से हटाना चाहते हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अब यह श्रीनिवासन को साबित करना है कि कोई हितों का टकराव नहीं था क्योंकि यह सवाल तथ्यों के आधार पर ही सामने आया है। मामले में अगली दो सुनवाई आठ और नौ दिसम्बर को होनी है जिसमें सिब्बल अपने तर्को को पूरा करेंगे।
गत 27 नवंबर को पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीमकोर्ट की विशेष खंडपीठ जानना चाहती थी कि दो बार की आईपीएल चैंपियन चेन्नई सुपरकिं ग्स को कौन नियंत्रित कर रहा है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि श्रीनिवासन का सीएसके का मालिक होना शायद एक निष्पक्ष टूर्नामेंट आयोजित क राने के रास्ते में आया होगा। खंडपीठ ने साथ ही कहा था कि कि सीएसके को आगे बिना किसी कार्रवाई के तुरंत निलंबित कर दिया जाना चाहिए। खंडपीठ ने स्पाट फिक्सिंग में शामिल लोगों को किनारे रखते हुए बीसीसीआई में नए चुनाव कराने के लिए भी कहा था। बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक 17 दिसंबर को होनी है जिसमें श्रीनिवासन को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कुछ फैसला होने की संभावना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here