चंडीगढ़। पंजाब के नाभा जेल पर हमले की पूरी व्यूह रचना जेल से मात्र सौ गज की दूरी पर बनाई गई थी। जिसमें जेल के अधिकारियों से लेकर एक दुकानदार तक शामिल था। यह तथ्य एसआईटी की जांच में निकलकर सामने आया है। पूरे षड्यंत्र को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पचास लाख रूपए में सौदा तय हुआ था।
जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार द्वारा नाभा जेल हमले पर गठित विशेष जांच समिति लगातार नाभा में कैंप किए हुए है। एसआईटी के सदस्य व पटियाला जोन के डीआईजी अमर सिंह चहल लगातार गिरफ्तार किए गए सहायक जेल अधीक्षक भीम सिंह, हेड वार्डेन जगमीत सिंह और मिठाई के दुकानदार तेजिंदर शर्मा सहित एक दर्जन लोगों से पूछताछ कर रहे हैं।
नाभा जेल में हमले के बाद ही पुलिस ने इस मामले में 30 लोगों के खिलाफ कोतवाली में केस दर्ज कराया था। सूत्रों के अनुसार एसआईटी की जांच में यह बात सामने आई है कि जेल के पास स्थित मिठाई की दुकान पर ही पूरे हमले की रचना बनी थी। यही नहीं जेल में बंद अपराधियों के लिए दुकानदार ने ही सिम उपलब्ध कराया था।
दुकानदार ने, जिससे सिम लेकर दिया था, पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। अपराधियों ने जेल से भागने में मदद करने के एवज में पचास लाख रूपये देने का वादा किया था। एसआईटी की जांच बुधवार को भी जारी है।