नई दिल्ली। यूनाईटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स (यूपीए) सरकार के दौरान प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भरोसा नहीं करती थीं। इन दिनों यह चर्चा का विषय बन गया है।
एक अंग्रेजी समाचारपत्र ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की फाइलों के हवाले से यह खुलासा किया है कि सोनिया गांधी मनमोहन के कांग्रेस का एजेंडा लागू नहीं करने से नाखुश थीं। सोनिया मनमोहन से वोट बैंक की नीतियों को लागू करवाना चाहती थीं।
फाइलों के हवाले से ये भी दावा किया जा रहा है कि उस वक्त राष्ट्रीय सलाहकार परिषद अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी से पूछकर ही मनमोहन सिंह हर काम करते थे। मनमोहन के आर्थिक सुधारों पर सोनिया को भरोसा नहीं था और एनएसी मनमोहन की नीतियों की समीक्षा करती थीं।
हर फाइल पर सोनिया की नजर रहती थी और आगे की नीतियां तय करती थीं। यूपीए शासन में एनएसी नीतियां बनाती थी और प्रभावित करती थी।
इतना ही नहीं एनएसी यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री कार्य़ालय से ज्यादा ताकतवर थी। सोनिया सूचना के अधिकार में सभी सूचना देने के पक्ष में नहीं थीं।