जयपुर। शहर की सरकार यानी नगर निगम के बोर्ड के गठन को एक साल होने में केवल 5 दिन शेष है। लेकिन ये पूरा एक साल महज बातों में ही निकल गया। वार्डो में विकास कार्य करवाने की जो घोषणा स्वयं महापौर निर्मल नाहटा ने की थी, वह 22 फीसदी भी पूरी तरह से नहीं हुई।
पूरे साल गंदगी, रोड लाईट खराब और सीवर जाम की शिकायतों को लेकर जनता खासी परेशान रही, लेकिन उनका निस्तारण नहीं हुआ। रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान भले ही मु य मार्गो पर साफ-सफाई देखने को मिली, लेकिन वह भी महज इस माह ही।
नहीं हुए वार्डो में विकास के काम
महापौर बनने के बाद निर्मल नाहटा ने एक साल के अंदर प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाख रुपए के विकास कार्य करवाने की घोषणा की थी। लेकिन महज 20 वार्डो में ही 50-50 लाख रुपए के कार्यो की निविदाएं हुई है, शेष वार्डो में यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। इसको लेकर न केवल कांग्रेस के बल्की भाजपा के भी पार्षद महापौर से नाराज है।
एक साल में दो साधारण सभा, विकास का एजेण्डा नहीं
एक साल के अंदर नगर निगम में केवल दो ही साधारण सभा की बैठकें हुई। नियमानुसार 60 दिवस में एक साधारण सभा की बैठक होना जरूरी है। ऐसे में 6 बैठक होनी थी, लेकिन केवल दो ही बैठक हो सकी। इसमें से पहली बैठक में तो वित्तीय वर्ष 2015-16 का बजट पास किया और दूसरी बैठक में समितियों के गठन को लेकर चर्चा हुई, लेकिन उसमें भी कोई विकास का एजेण्डा नहीं था। इसके अलावा समिति सदस्यों की बात की जाए तो उन्होने भी कोई ज्यादा बैठकें नहीं की, जिससे आमजन के अटके काम हुए हो।
जनता रही सर्वाधिक परेशान
पूरे एक साल में जनता को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। अपने क्षेत्र की मु य तीन समस्याओं सफाई, रोड लाईट और सीवर जाम के लिए न तो निगम कार्यालयों में कोई सुनवाई हुई और न ही पार्षद के यहां।
आमजन की सहुलियत के लिए मोबाइल एप, कॉल सेंटर, ऑनलाइन शिकायतें का प्रावधान शुरू किया। इनके माध्यम से लोगों ने हजारों शिकायतें तो की, लेकिन निस्तारण नहीं। ऑनलाइन शिकायत की प्रक्रिया तो कुछ माह चलने के बाद बंद ही हो गई।