मुंबई। नागपुर मनपा में आखिरकार संपत्तिकर वृद्धि को भारी हंगामें के बीच सत्तापक्ष ने मंजूरी दे दी है। आगमी वित्त वर्ष २०१५-१६ यानी ०१ अप्रैल से संपत्तिकर वृद्धि लागू हो जाएगी। संपत्तिकर में चार नये करों को जोड़ा गया है। इससे संपत्तिकर में २५ से ३० प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव है।
महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम के मुताबिक, प्रशासन हर वर्ष किस तरह कर वसूलेगा, उसका क्या प्रारुप रहेगा, इसका खाका तैयार करना होता है। इसके मुताबिक, मनपा प्रशासन ने यह प्रस्ताव लाया है।
प्रस्ताव में संपत्तिकर वृद्धि में चार नये करों को शामिल किया गया है। मल-जल लाभ कर, पानी लाभ कर, रास्ते कर और शिक्षण कर। प्रशासन ने चारों करों में ३-३ प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। फिलहाल सत्तापक्ष ने इसमें कटौती की है।
चारों करों को एक-एक प्रतिशत लागू करने की मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अलावा कर लगाने की पद्धति को छह भागों में विभाजित किया गया है। संपत्ति का स्थान, निर्माण कार्य का वर्ग, इमारत की उम्र या मौजूदा स्थिति, संपत्ति का इस्तेमाल, निर्माणकार्य का क्षेत्रफल व मंजिल, निवासी का प्रकार, इस आधार पर कर पद्धति लागू होगी।
कुल मिलाकर संपत्ति कर में २५ से ३० प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होनी है। कर संकलन सभापति गिरीश देशमुख ने बताया कि इस नई पद्धति से कर धारकों को अनेक लाभ होंगे। अब तक जो कर लेने की पद्धति थी, उसमें काफी बदलाव किया गया है।