नई दिल्ली। नजफगढ़ के कैर गांव में 24 मई को इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई एयर एंबुलेंस को खेत से हटाने का काम शुरू हो गया है। मौके पर पहुंची एयर नॉटिकल इंजीनियर्स की 10 सदस्यों की टीम ने एंबुलेस किंग-सी 90 को टुकड़ों में बांटने का काम शुरू कर दिया है। लोगों ने इसे देखने के लिए दूर-दूर से रिश्तेदारों को बुला लिया है।
शुक्रवार सुबह ही टीम मौके पर पहुंची थी और शाम तक इंजीनियर्स ने प्लेन के दोनों तरफ के फैन्स हटा दिए। प्लेन को तोड़ने में दो दिन लगेंगे। शनिवार को पीछे का हिस्सा और कॉकपिट को अलग किया जाएगा। इसके बाद इन टुकड़ों को दो खेप में बड़ी गाड़ी से सड़क के रास्ते आईजीआई एयरपोर्ट के हैंगर स्टेशन ले जाया जाएगा।
खेतों में गिरा यह प्लेन चौथे दिन भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा। सुबह से लेकर शाम तक दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। प्लेन के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं। सिक्युरिटी के लिए दिल्ली पुलिस के सौ से ज्यादा जवानों को लगाया गया है।
24 मई को पेशेंट वीरेंद्र राय को अल-केमिस्ट एयरलाइंस की एयर एम्बुलेंस से पटना से दिल्ली लाया जा रहा था। एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले ही प्लेन के दाेनों इंजनों में खराबी आ गई। पायलट अमित ने सावधानी बरतते हुए प्लेन को आबादी से दूर खेतों में इमरजेंसी लैंडिंग कराई थी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से घटना की जांच के लिए बनाई कमेटी ने जांच का काम शुरू कर दिया है। टीम ने एटीसी के टेप लॉगबुक सील कर दी है। पीछे का हिस्सा खोलने के बाद जांच के लिए ब्लैक बॉक्स भी लिया जाएगा।
हादसे के बाद से ही कैर गांव के खेतों में मेले जैसा माहौल नजर रहा है। पास ही स्थित एमसीडी टोल प्वाइंट के कर्मचारियों के मुताबिक सुबह 5 बजे लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो रात को 11 बजे तक चलता है।
सुबह ही यहां गन्ने का जूस, पानी, आइसक्रीम आदि बेचने वालों के कई स्टॉल सज जाते हैं। अपने निजी वाहनों के अलावा दूर-दूर से लोग ऑटो लेकर प्लेन देखने आ रहे हैं।