बेंगलुरु। वैश्विक सॉफ्टवेयर दिग्गज इंफोसिस के संस्थापक नंदन नीलेकणि ने शुक्रवार को कहा कि वे गैर कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में तब तक कंपनी में रहेंगे जब तक कि वह ‘स्थिर’ और ‘पूर्ण क्षमता के पथ पर’ ना पहुंच जाए।
600 से ज्यादा निवेशकों को संबोधित करते हुए नीलेकणि ने कहा कि मेरी योजना यहां (कंपनी में) तब तक रहने की है, जब तक जरूरत हो और जब मेरी जरूरत यहां नहीं होगी, मैं नहीं रहूंगा।
उन्होंने कहा कि मेरे पास करने के लिए यहां कई काम हैं। सीईओ को ढूंढने की प्रक्रिया पूरी करनी है, बोर्ड का पुनर्गठन करना है और कारोबार में स्थिरता लानी है।
उन्होंने कहा कि मैं यहां तब तक रहूंगा, जब तक जरूरत होगी और उतनी मेहनत करूंगा, जितनी इंफोसिस को उसकी पूरी क्षमता के साथ काम करने के लिए सही रास्ते पर लाने के लिए जरूरी होगा।
नीलेकणि ने कहा कि कंपनी की रणनीति, बदलाव आदि के मुद्दों पर अक्टूबर में निवेशकों से साथ चर्चा की जाएगी।
नीलेकणि (62) इंफोसिस के 2002 मार्च से लेकर 2007 अप्रेल तक उपाध्यक्ष थे। उन्होंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के प्रमुख का पद संभालने के लिए 2009 में इंफोसिस छोड़ दिया था। वे 2014 के मई तक प्राधिकरण के पहले अध्यक्ष रहे।