मुंबई। अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास का कहना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने जिस प्रकार की नीति जारी रखी है, उससे समाज आगे नहीं बढ़ सकता। उल्लेखनीय है कि नंदिता को अपनी फिल्म ‘फिराक’ की रिलीज के लिए सेंसर बोर्ड से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
इसके अलावा, सीबीएफसी ने नवाजुद्दीन सिद्दिकी की फिल्म ‘बाबुमोशाई बंदूकबाज’ पर 48 कट लगाए थे और इस कारण वह सुर्खियों में भी रहा।
इस बारे में नंदिता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं शुरुआत से ही सेंसरशिप के खिलाफ हूं, क्योंकि जब मैंने 2008 में ‘फिराक’ बनाई थी, तो मुझे इसकी रिलीज के लिए सेंसरशिप के मुद्दे पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। मुझे नहीं पता कि क्यों कुछ लोग समिति में यह फैसला ले लेते हैं कि पूरे देश के दर्शकों के लिए क्या सही है और क्या गलत।”
नंदिता ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर इस प्रकार की नीति जारी रहेगी, तो समाज कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा। आज इंटरनेट पर आप जो चाहें वो देख सकते हैं। यह कुछ लोगों का दिखावा है कि आप ऐसी चीजों को आधिकारिक रूप से प्रतिबंधित कर रहे हो, लेकिन हम इसे इंटरनेट और किसी अन्य तरह से देख सकते हैं।
मुझे नहीं लगता कि प्रमाण का कोई इस्तेमाल भी है। गोदरेज क्लब इंडिया लैब म्यूजियम द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में नंदिता ने अपने विचार साझा किए।