सबगुरु न्यूज- सिरोही। नगर परिषद सिरोही में गत वर्ष अनियमित प्रक्रिया से नौकरी देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयुक्त ने पांच कार्मिकों को निष्कासित करने के आदेश पारित कर दिए हैं। इन पांच जनों में कथित रूप से भाजपा नेता का रिश्तेदार भी शामिल है।
सिरोही नगर परिषद में भाजपा के काबिज होते ही अनियमितत तरीके से पटï्टे वितरित करने के अलावा अनियमित करीके से नौकरी देने का मामला भी सामने आया था। इसमें भाजपा के नेता और नगर परिषद के कार्मिकों को लाभांवित किया गया था। वर्तमान सभापति ताराराम माली के कार्यकाल में पूर्व आयुक्त लालसिंह राणावत ने यह अनियमित नियुक्ति की थी। इसमें दस जनों को नौकरी दी गई थी। इसके बाद इन लोगों को ट्रेजरी से पैसे भी जारी किए जाने लगे थे। इस तरह से इसमें सरकारी धन को भी सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाया गया।
यह मामला सबगुरु न्यूज ने सबसे पहले उजागर किया, इसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया। राज्य स्तरीय जांच में सिरोही नगर परिषद की ओर से दस जनों को नियमों के विपरीत नौकरी देने की प्रक्रिया को गलत मानते हुए डीएलबी ने इन्हें हटाने के आदेश जारी किए। इसके तहत पूर्व कार्यवाहक आयुक्त दिलीप माथुर ने पांच लोगों को निष्कासित कर दिया, वहीं आदेश आने पर भाजपा नेता के रिश्तेदार समेत पांच कार्मिकों ने राजस्थान हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। इसके बाद यह मामला सिरोही जिला परिषद में सांसद की ओर से की गई, जन सुनवाई में भी उठा।
इसमें एक व्यक्ति ने सिरोही के भाजपा के नेता के रिश्तेदार को नौकरी देकर अनियमितता करने और इनके खिलाफ कोर्ट में लगे स्टे पर कार्रवाई नहीं करने की बात कही। वहीं पूर्व विधायक संयम लोढ़ा भी इस मामले को लेकर विपक्ष हमलावर तेवर अपनाए हुए थे। इस पर नगर परिषद ने राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले में प्रक्रियागत खामियां बताई। इस पर हाईकोर्ट ने 26 मई को शेष पांच कार्मिकों की नगर परिषद के कार्मिक के रूप में कार्य करने की अर्जी को खारिज कर दिया। आदेश की प्रति आने के बाद आयुक्त रामकिशोर माहेश्वरी ने सोमवार को शेष पांच कार्मिकों को निष्कासित करने के आदेश पारित कर दिए।
-पैसे की वसूली किससे
इस प्रकरण में नगर परिषद के अधिकारी यह जानते हुए भी अनियमित तरीके से भर्ती किए गए कार्मिकों को राजकोष से वेतन का भुगतान करते रहे। इससे पिछले डेढ़ साल में सीधे तौर पर इन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने राजकोष को जानबूझकर सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाया। इसकी वसूली के लिए भी विशेष प्रयास की आवश्यकता है। अब राजकोष को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों व कार्मिकों को घेरने और जनता के धन की वसूली करवाना बाकी।
राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश ने कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा को भाजपा को घेरने का महत्वपूर्ण मुद्दा दे दिया है। उल्लेखनीय है कि 26 मई को सिरोही नगर परिषद में हुई साधारण सभा की बैठक में भाजपा पार्षद की राजीव नगर आवासीय योजना में पुलिस की एफआर को एक सबूत के रूप में पेश करके जिस तरह से कांग्रेस के पार्षदों को घेरने की कोशिश की थी। नगर परिषद के अधिशासी अभियंता दिलीप माथुर व सभापति ताराराम माली ने इस दलील को मानते हुए फिर से एफआईआर दर्ज करवाने की मांग को खारिज कर दिया था। इसी तरह राजस्थान हाईकोर्ट के इस निर्णय को कांग्रेस भाजपा व सिरोही नगर परिषद के अधिकारियों की अनियमितता पर मोहर मानकर मुद्दा बना सकती है और हमलवार हो सकती है।
इनका कहना है…
नगर परिषद में दस कार्मिकों की भर्ती में नियमों की अनदेखी हुई थी। इनमें से पांच कार्मिकों को पहले ही निष्कासित कर दिया था। पांच कर्मिक राजस्थान हाईकोर्ट से स्टे ले आए थे। राजस्थान हाईकोर्ट में उनकी अपील का खारिज करने के बाद आज उन्हें भी निष्कासित कर दिया गया है।
रामकिशोर माहेश्वरी
आयुक्त, नगर परिषद, सिरोही।
पूरा मामला जानने के लिए ये भी पढ़ें…
https://www.sabguru.com/another-vyapam-in-sirohi/
https://www.sabguru.com/five-expeled-before-payment/
https://www.sabguru.com/muncipal-commissionar-null-the-posting-of-five-empolyes/