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चुनाव से पहले नारद स्टिंग कांड से तृणमूल की साख पर असर - Sabguru News
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चुनाव से पहले नारद स्टिंग कांड से तृणमूल की साख पर असर

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चुनाव से पहले नारद स्टिंग कांड से तृणमूल की साख पर असर
Narada sting operation : impact on the credibility of TMC
Narada sting operation  : impact on the credibility of TMC
Narada sting operation : impact on the credibility of TMC

कोलकाता। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सामने आए नारद स्टिंग वीडियो से राज्य की सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस की साख पर असर पडा है।

न सिर्फ वीडियों में रिश्वत लेते दिखाए गए तृणमूल के बडे नेता बल्कि स्टिंग ने पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की इमानदार छवि को भी कहीं ना कहीं धुमिल कर दिया है। हालांकि अभी तक स्टिंग की सत्यता प्रमाणित नहीं हो सकी है।

लेकिन इस पूरे प्रकरण ने तृणमूल को पिछले पैरों पर धकेल दिया है। नारद कांड की वजह से चुनावी मौसम में पार्टी आक्रामक होने के बजाए सुरक्षात्मक रुख अख्तियार करती नजर आ रही है।

मुख्यमंत्री को अपनी इमानदार छवि पर पूरा भरोसा है तभी तो वे चुनावी सभाओं में जनता से अपने उम्मीदवारों के लिए नहीं बल्कि स्वयं के लिए वोट मांग रही हैं।

इससे पहले सारदा चिटफंड मामले में तृणमूल के कई नेता आरोपों के घेरे में आ चुके हैं लेकिन चूंकि यह बात कुछ पुरानी हो चुकी है लिहाजा विधानसभा चुनाव पर इस मामले का कोई विशेष असर पडने की संभावना नहीं के बराबर थी लेकिन नारद स्टिंग वीडियों के सामने आने से सारदा व अन्य चिटफंड मामले भी ताजा हो उठे हैं।

आम लोग इस स्टिंग के परिप्रेक्ष्य में तृणमूल की विश्वसनीयता को तौलने लगे हैं। कई लोगों का मानना है कि इस मामले से न सिर्फ तृणमूल बल्कि खुद ममता बनर्जी की छवि को भी नुकसान पहुंचा है।

कुछ लोग यह भी कहते हैं कि ममता को चाहिए कि वह वीडियो में रिश्वत लेते दिखाए गए नेताओं को विधानसभा चुनाव में ना उतारे जबकि कुछ लोग साफ तौर पर यह मानते हैं कि ममता आरोपी नेताओं को बचाने की कोशिश कर रही हैं।

विपक्ष इस स्थिति का भरपूर फायदा उठाना चाहता है। यही वजह है कि चुनावी मौसम में स्टिंग मामले को जिंदा रखने की पूरा प्रयास किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस मामले को लेकर सर्वाधिक मुखर है वहीं वाम मोर्चा और कांग्रेस भी स्टिंग के सामने आने के बाद से लगभग हर दिन धरना-प्रदर्शन कर मामले को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं।