सूरत। आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं पर यौन उत्पीडऩ का मामला दर्ज करवाने वाली पीडि़ता से बचाव पक्ष के वकीलों ने सवाल जवाब किए। बुधवार को अधिकतर सवाल उत्तर गुजरात के गांभोई आश्रम की घटनाओं को लेकर पूछे गए।
वकीलों ने पीडि़ता व उसकी बहन से शहर पुलिस आयुक्त से मुलाकात व उसके बाद जहांगीरपुरा थाने में मामला दर्ज करवाने की घटना के बारे में पूछा तथा उसकी बहन से जुड़ा मामला अहमदाबाद का होने के बावजूद सूरत में शिकायत करने के कारण के बारे में भी पूछा।
उसके बाद गांभोई आश्रम से जुड़ी घटनाओं को लेकर सवाल किए गए। गांभोई आश्रम में जांच व पंचनामे व उससे जुड़े लोगों के बारे में भी पूछताछ की गई। इससे पूर्व सुबह 11 बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था (पांच हथियार बंद जवानों व एस्कॉर्ट वाहनों) के साथ पीडि़ता व उसकी बहन को कोर्ट लाया गया।
वहीं नारायण साईं को भी हथियार बंद जवानों की सुरक्षा के साथ लाजपोर जेल से सूरत लाया गया। न्यायालय में कटघरे के सामने पर्दा लगा कर कुछ इस तरह की व्यवस्था की गई कि नारायण साईं पीडि़ता से नजरे नहीं मिला सके।
बुधवार को कार्रवाई खत्म होने पर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 24 मई का दिन तय किया है। उल्लेखनीय है कि गत 6 अक्टूबर 2013 को आसाराम आश्रम की पूर्व साधिका ने नारायण साईं पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए जहांगीर पुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इस मामले में पुलिस ने 2014 में नारायण साईं को अरेस्ट किया था तब से वह न्यायिक हिरासत में लाजपोर जेल में बंद है।