सूरत। यौन उत्पीडऩ मामले की दो दिन तक चली सुनवाई के दौरान नारायण सांई और आसाराम के सुरक्षाकर्मी और गोवा के करीबी साधक की गवाही सेशन कोर्ट में दर्ज की गई।
दोनों ने अभियोजन पक्ष की हकीकतों का समर्थन किया, वहीं बचाव पक्ष ने दोनों की जिरह की। अब 26 से 28 जुलाई तक दिल्ली पुलिस, न्यू सिविल अस्पताल के चिकित्सक और रिक्ट्रक्शन के वक्त मौजूद गवाह और पंचों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
सूरत सेशन कोर्ट में 11 और 12 जुलाई दो दिन तक नारायण सांई यौन उत्पीडऩ मामले की सुनवाई चली। 11 जुलाई को नारायण और आसाराम का सुरक्षाकर्मी देवेन्द्र प्रजापति कोर्ट के समक्ष पेश हुआ। वहीं 12 जुलाई को गोवा निवासी करीबी साधक रूपेश तैली कोर्ट में पेश हुआ।
दोनों ने अपने बयान कोर्ट के समक्ष दर्ज करवाए। इसके बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बारी-बारी से दोनों की जिरह की। दोनों से आसाराम आश्रम में चलनेवाली गतिविधियों से संबंधित सवाल पूछे गए। मंगलवार शाम दोनों के बयान दर्ज कराने की कार्रवाई खत्म हो गई। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 26,27 और 28 जुलाई का दिन तय किया है।
कोर्ट की ओर से नारायण सांई को हरियाणा-चंदीगढ की सीमा से गिरफ्तार करने वाली दिल्ली पुलिस, मेडिकल जांच करने वाले न्यू सिविल अस्पताल के चिकित्सक और पीडि़ता के साथ हुए दुष्कर्म की घटना का रिक्ट्रक्शन करते वक्त मौजूद पंच और गवाहों को कोर्ट के समक्ष गवाही दर्ज कराने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया है।