नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शादीशुदा हैं, ये बात जगहाजिर हो चुकी है। वे और उनकी पत्नी दशकों से अलग अलग जीवन यापन कर रहे हैं यह भी सबको भलीभांति पता चल चुका है। निर्विवाद जीवनयापन के बीच मेल मिलाप का ना तो कोई प्रसंग आया न कोई वजह बनी। सब कुछ जैसा है वैसा ही चल रहा है। मोदी शादीशुदा होकर भी ब्रह्मचर्य का पालन करने पर अडिग है तो जसोदाबेन पति से दूर होकर भी सुहागिन धर्म निभा रहीं हैं।
खास बात यह है कि मोदी की जिंदगी में वे पचड़े नहीं हैं जो आमतौर पर सामान्य शादीशुदा आदमी को असहज कर देते हैं। न बीवी का उलाहना, न फरमाइशें पूरी करने का झंझट। मोदी का यहीं सुख हमारे देश के कुछ कथित राजनेताओं से देखा नहीं जा रहा। मोदी को राजनीतिक मोर्चे पर पटखनी नहीं दे पाने की झुंझुलाहट के चलते अब वे चाहते हैं मोदी किसी तरह उनकी तरह घर संसार में उलझ जाएं।
हर कोई मोदी की निजी जिंदगी में झांकने को उतारू है। मीडिया से ज्यादा नेताओं को इस बात में ज्यादा रूचि है कि मोदी की पत्नी क्या कर रही है, कहां जाती है, कहां रहती है? गिद्ध दृष्टि टिकी रहती है कि कब कुछ मसाला हाथ लग जाए कि बयान उगलने का मौका मिले। बयानों के तीर छोड़ने में माहिर कुछ नेता तो अब खुलकर मोदी को बिन मांगी सलाह देने लगे हैं कि मोदी जिस तरह देश दुनिया को पास पास और साथ साथ रहने की नसीहत देते हैं वैसा ही कुछ उनकों अपने निजी जीवन में भी उतारना चाहिए। सब समझते हैं इसके मायने क्या हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नारद राय ने तो यहां तक कह डाला कि दूसरों को सलाह देने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह आचार, व्यवहार अपने निजी जीवन में भी लागू करना चाहिए। मोदी को पत्नी यशोदा बेन को साथ-साथ रखने का साहस दिखाना और पति धर्म का निवर्हन करना चाहिए। काठमांडू में हो रहे सार्क सम्मेलन में हम पास-पास हैं और साथ-साथ हैं की बात करने वाले मोदी को बिग ब्रदर से बिग बास बनाने वाले मीडिया के साथियों को प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि उनकी पत्नी यशोदा बेन उनसे दूर-दूर क्यों रहती हैं।
राय ने कहा कि पति धर्म का कैसे निर्वाह किया जाता है यह मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर से सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चन्द्रशेखर की पत्नी दूजा देवी कम पढ़ी लिखी ग्रामीण पृष्ठभूमि की महिला थी लेकिन चन्द्रशेखर ने उन्हें सांसद से प्रधानमंत्री बनने तक की यात्रा में हर जगह उचित सम्मान दिया था। वह अपनी पत्नी को सदैव पास-पास और साथ-साथ रखते थे। राय ने कहा कि मंच पर बड़ी-बड़ी बातें करना अलग बात है और उन्हें अपने निजी जीवन में लागू करना अलग बात है।
राष्ट्रीय जनता दल के राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पत्नी द्वारा दाखिल सूचना के अधिकार के आवेदन का परोक्षरूप से जिक्र करते हुए उन पर निशाना साधते हुए यहां तक कहा कि वह पहले अपने घर के साथ न्याय करें और फिर कालेधन को वापस लाने की बात करें। लोकसभा में कालेधन पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए यादव ने कहा कि नौ साल गुजरात में लोकपाल की नियुक्ति नहीं करना 56 इंच के सीने का एक नमूना है।
हालांकि उन्होंने मोदी का नाम नहीं लिया किंतु कहा कि अपने घर को तो न्याय दे दीजिए। गौरतलब है कि मोदी की पत्नी ने जशोदा बेन ने सूचना के अधिकार कानून के तहत प्रधानमंत्री की पत्नी को मिलने वाली सुविधा ओं की जानकारी मांगी है। इस मामले के मीडिया में उछलने के बाद बेन ने सफाई दी कि वह अपनी पेंशन से गुजारा करती हैं और प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते उन्हें जो सुरक्षा मिली है उसका वह खर्च उठा पाने में असमर्थ हैं।