टोक्यो। जापान में रविवार को हुए मध्यावधि चुनाव में प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पार्टी को भारी जीत मिली है।आबे के एलडीएफ नेतृत्व वाले गठबंधन को संसद के निचले सदन में दो तिहाई बहुमत मिल गया है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे को फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने को लेकर बहुत उत्सुक हैं।
पाीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे को चुनाव में जीत के लिए हार्दिक बधाई। मैं उनके साथ मिलकर भारत-जापान संबंधों को और मजबूत बनाने को उत्सुक हूं।
चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने से इस बात की पुष्टि हो गई है कि आबे की नीतियां सही थीं। जनता ने उनकी नीतियों पर मुहर लगा दी है।अब प्रधानमंत्री को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को मंदी से उबार कर पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है। यह आबे की पहली प्राथमिकता है। साथ ही उत्तर कोरिया पर उनके पहले से कड़े रुख को मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा आबे को संविधान में संशोधन करने में विशेष परेशानी नहीं होगी। संविधान के शांतिवादी अनुच्छेद 9 को बदलना उनकी दूसरी प्राथमिकता है, जबकि एलडीपी का कनिष्ठ घटक दल की यह पहली प्राथमिकता है। जापान के लोग संविधान के इस अनुच्छेद को अपमानजनक मानते हैं, क्योंकि वे इसे द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार से जोड़कर देखते हैं।
हालांकि आबे को संसदीय चुनाव में दो तिहाई बहुमत मिल गया है, लेकिन मीडिया के एग्जिट पोल से खुलासा हुआ है कि जापान की अधिकांश जनता उन पर भरोसा नहीं करते हैं, इसलिए प्रचंड बहुमत के बहुमत के बावजूद संविधान संशोधन के मुद्दे पर आबे को जनमत संग्रह में भारी जीत हासिल करनी होगी।
विदित हो कि जापान में रविवार को सुबह सात बजे (स्थानीय समयानुसार) मतदान केंद्र खुले और रात 8 बजे तक मतदान चला। लोग तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश से जूझते हुए मतदान केन्द्रों में पहुंचे।
आबे की लिबरल डेमोक्रेटिकट पार्टी (एलडीपी) को कमजोर विपक्ष का फायदा हुआ है। विदित हो कि उनके सामने खड़ी दो प्रमुख पार्टियां कुछ सप्ताह पहले ही बनीं। कुछ हफ्ते पहले टोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके ने ‘पार्टी ऑफ होप’ का गठन किया था।
जापान में यह 48वां आम चुनाव है। जापानी संसद (डायट) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए चार साल पर चुनाव होता है।