शियान। पीएम नरेंद्र मोदी चीन की 3 दिवसीय यात्रा के तहत गुरुवार सुबह शियान पहुंचे। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और मोदी ने दोनों देशों के बीच विश्वास को मजबूत बनाने के रास्तों पर डेढ़ घंटे की शिखर वार्ता की।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि शी और मोदी की बैठक बहुत ही अर्थपूर्ण रही। शी और मोदी ने सीमा मुद्दे, शांति एवं स्थिरता के साथ व्यापार संतुलन स्थापित करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच आर्थिक निवेश को लेकर चर्चा हुई। बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज डेढ़ घंटे की शिखर बैठक में दोनों देशों के बीच के पेचीदा मुद्दों पर खुलकर बातचीत की और वार्ता का मुख्य जोर आपसी भरोसा बढ़ाने पर रहा।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने बताया कि सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई इस शिखर बैठक के दौरान आपसी एवं क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दोनों नेताओं ने विचार विमर्श किया। इस चर्चा में सीमा मसले, सीमा के आरपार बहने वाली नदियों के मुद्दे और आतंकवाद से निपटने के तौर तरीकों पर गहन विचार विमर्श किया गया।
उन्होंने कहा कि काबुल और कराची में हुए हाल के आतंकवादी हमलों की पृष्ठभूमि में दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने के तौर तरीकों पर अपनी राय रखी। भारत और चीन के बीच संयोजकता से जुड़े मामलों तथा व्यापार संतुलन ठीक करने के बारे में भी सकारात्मक बातचीत हुई। वहीं, हाल में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप और उसके बाद भारत और चीन के राहतकर्मियों द्वारा दिखाई गई तत्परता और आपसी तालमेल का जिक्र भी इस शिखर बैठक में हुआ।
विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में सुधार से जुड़े मुद्दों पर भी बातचीत की। दोनों देशों के शिखर नेताओं की इस बातचीत से बहुत हद तक शुक्रवार को बीजिंग में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व में होने वाली वार्ता का एजेंडा बहुत हद तक स्पष्ट हो गया है।
शिखर बैठक के तुरंत बाद चीनी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी शियान में दो हजार साल पुराने वाइल्ड गूज पगोड़ा को देखने पहुंचे, तो उनके चेहरे पर बातचीत से उपजे आत्मविश्वास एवं संतोष की झलक साफ दिखाई दी। शी अपने मेहमान को पगोड़ा के भीतर स्थापित भव्य बुद्ध प्रतिमा को दिखाने ले गए।
उल्लेखनीय है कि यह वही पगोड़ा है जहां विश्व विख्यात यात्री ह्वेन सांग के लिखे हुए संस्मरण रखे गए हैं जो वे भारत से बटोरकर लाए थे। ह्वेन सांग ने सातवीं शताब्दी की शुरुआत में भारत की यात्रा की थी। वह गुजरात तक पहुंचे थे और भारत से अनेक यादें लेकर आए थे।
इससे पहले चीनी राष्ट्रपति ने मोदी की शांक्शी गेस्ट हाउस में गर्मजोशी से अगवानी की। दोनों नेताओं ने बेहद आत्मीय अंदाज में हाथ मिलाए और इसके बाद शिखर बैठक शुरू हो गई। अपने आरंभिक वक्तव्य में शी ने मोदी और उनके प्रतिनिधिमंडल का चीन में स्वागत करते हुए कहा कि उनके जहन में अहमदाबाद की वो यादें अब भी ताजा हैं जब प्रधानमंत्री ने अपने गृह राज्य गुजरात में उनकी मेहमाननवाजी की थी।
मोदी ने चीनी राष्ट्रपति का धन्यवाद करते हुए कहा मैं आपका आभारी हूं कि आपने बीजिंग से बाहर आकर अपने गृह नगर शियान में हमारा स्वागत किया। मोदी ने कहा आपने यह सम्मान 125 करोड़ भारतवासियों को दिया है और इसके लिए मैं अपने देशवासियों की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं।
टेरा कोटा युद्ध स्मारक और बौद्ध मंदिर दाशिंग शान के अपने आज सुबह के दौरे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें वह स्थान देखने का मौका मिला, जहां एक भारतीय संत ने 28 साल बिताए थे और बौद्ध सूत्रों का चीनी भाषा का अनुवाद किया था। दोनों नेताओं के आरंभिक वक्तव्य के बाद शिखर वार्ता बंद कमरे में जारी है।