नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को युवाओं से अपने कंप्यूटर से चिपके रहने के बजाय बाहर मैदान में जाकर खेलने की सलाह दी। मोदी ने कहा कि ‘प्ले स्टेशन’ खेलने से कहीं अधिक बेहतर ‘प्लेइंग फील्ड’ जाकर खेलना है।
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोदी ने चिता जाहिर की कि आज की पीढ़ी के युवा वास्तविक खेल खेलने से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक खेल को महत्व दे रहे हैं।
मोदी ने कहा कि कंप्यूटर के इस युग में मैं युवा पीढ़ी से आग्रह करूंगा कि मैदान में जाकर खेलना, वीडियो गेम खेलने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने यह बात 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के संदर्भ में कही, जिसे हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की याद में मनाया जाता है।
मोदी ने कहा कि कभी-कभार कंप्यूटर पर फीफा (गेम्स) खेल लीजिए, लेकिन मैदान में भी जाकर वास्तविक फुटबॉल खेल में अपना प्रदर्शन करें। खुले मैदान में आसमान के नीचे क्रिकेट खेलने का अपना अलग मजा है।
मोदी ने कहा कि पहले माता-पिता अपने बच्चों से पूछते थे कि तुम खेल कर कब लौटोगे, जबकि अब यह पूछते हैं कि तुम कब बाहर जाओगे।
मोदी ने कहा कि आज जब बच्चे घर लौटते हैं तो वे या तो कॉर्टून फिल्म देखते हैं या मोबाइल फोन पर गेम खेलते हैं। उनकी माताओं को उन्हें बाहर जाकर खेलने के लिए कहना पड़ता है।