अहमदाबाद। भारतीय जनता पार्टी प्रमुख अमित शाह 2002 के नरोदा गाम दंगा मामले में सोमवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए।
अमित शाह ने अदालत के समक्ष गवाही के दौरान कहा कि नरोदा गाम मामले की मुख्य आरोपी और तत्कालीन गुजरात सरकार में मंत्री माया कोडनानी घटना के समय उनके साथ थीं।
नरोदा गाम दंगे में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में 14 प्रत्यक्षदर्शी पहले ही गवाही दे चुके हैं और इनमें से 13 की पुष्टि की जा चुकी है। कोडनानी इस मामले में 82 आरोपियों में से एक हैं।
यह घटना गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगाए जाने के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को हुई थी।
न्यायाधीश पीडी देसाई की अदालत में सोमवार को गवाही देने के दौरान अमित शाह ने कहा कि जिस समय यह दंगे हुए, उस समय कोडनानी उनके साथ विधानसभा और उसके बाद सोला के सिविल हॉस्पिटल में थी, जहां गोधरा कांड के पीड़ितों के शव लाए गए थे।
शाह ने कहा कि वह सोला सिविल हॉस्पिटल गए थे, क्योंकि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र में आता है। अमित शाह ने अदालत में कोडनानी के समर्थन में गुजराती में अपना बयान दर्ज कराया।
बयान के मुताबिक मायाबेन कोडनानी नरोदा गाम में नहीं थी बल्कि सुबह 8.30 बजे विधानसभा में थीं और वह सुबह 9.30 से 9.45 तक सिविल हॉस्पिटल में थी, जहां मेरी मुलाकात उनसे हुई।
उन्होंने कहा कि कोडनानी गोधरा हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को सांत्वना दे रही थीं।कोडनानी 2002 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री थीं।