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कौन खा गया 5 आवास, 12 खंभे और उद्यान? - Sabguru News
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कौन खा गया 5 आवास, 12 खंभे और उद्यान?

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कौन खा गया 5 आवास, 12 खंभे और उद्यान?

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नरसिंहपुर। गरीबों की बस्ती में जिम्मेदारों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के विरूद्ध शिकायतें तो बहुत हुर्इं पर कार्रवाई के नाम कभी कुछ भी नहीं हुआ। भ्रष्टाचार के हमाम में जब सभी नग्न हों तो ऐसा ही होता है।

नगर पालिका नरसिंहपुर के सुभाष वार्ड में नलकूप कॉलोनी के पीछे आईएचएसडीपी योजना के तहत गरीबों के लिए निर्मित किये गये आवासों के घटिया निर्माण, आवंटन में लापरवाही सहित अवैध कब्जे की शिकायतें बार-बार की गईं लेकिन तत्कालीन कलेक्टर नरेश पाल सहित नगर पालिका व प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर इस करोड़ों के भ्रष्टाचार की अनदेखी करते रहे।

अब नवागत कलेक्टर सिबि चक्रवर्ती एम. की धीर-गंभीर नजर आने वाली कार्यप्रणाली से एक बार फिर कार्रवाई की उम्मीद के साथ वार्ड पार्षद भोला ठाकुर ने शिकायत की है। इस शिकायत में कलेक्टर को दृष्टव्य भ्रष्टाचार के अलावा आरटीआई से प्राप्त हुए उन तथ्यों से भी अवगत कराया गया है जिसमें करोड़ों की हेराफेरी की संभावना नजर आ रही है।

लाखों रूपए स्वीकृत पर काम कौंड़ी का नहीं

शिकायती पत्र में बताया गया है कि उक्त योजना धरातल में स्वीकृति के अनुसार रूपांतरित नहीं हुई। यहां रहने वाले गरीबों को क्या-क्या सुविधाएं मिलनी थी यह उनको पता ही नही? पार्षद ने बताया कि आईएचएसडीपी योजना के तहत सुभाष वार्ड में 90 पक्के आवासों के निर्माण के लिए 74.43 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन हकीकत यह है कि वार्ड में सिर्फ 85 आवास ही निर्मित किए गए हैं। ऐसे में 5 आवासों की राशि कहां गई?

मोहल्ले में 4.40 लाख की लागत से स्ट्रीट लाईट के 14 खंभे लगना स्वीकृत था किंतु हकीकत में सिर्फ 2 खंभे ही नजर आ रहे हैं। मोहल्ले में वॉटर सप्लाई लाईन डालने के लिए 2.48 लाख रूपए स्वीकृत है किंतु लंबा वक्त गुजर जाने के बाद भी कोई लाईन नही बिछाई गई। कचराघर के लिए 0.36 लाख रूपए की स्वीकृत राशि का कहां क्या उपयोग किया गया यह किसी को पता नहीं है।

पुलियों से नहीं होती पानी निकासी, फैल रही गंदगी

शिकायत में बताया गया कि आईएचएसडीपी योजना के तहत गरीबों के लिए निर्मित किए गए इस पक्के मकानों के मोहल्ले में सामुदायिक भवन के लिए 7.03 लाख रूपए, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु 2.02 लाख रूपए, 660 वर्ग मीटर सीमेंट सड़क के लिए 22.9 लाख रूपए, 1158 वर्गमीटर नाली के लिए 9.37 लाख रूपए, आरसीसी की 5 पुलियों के निर्माण हेतु 3.57 लाख रूपए, ह्यूम पाईप कालवर्ट हेतु 1.02 लाख रूपए, उद्यान हेतु 1.01 लाख रूपए स्वीकृत हैं, पर इनमें से कोई काम किए ही नही गए।

ठेकेदार सोमेश भटनागर द्वारा नगर पालिका के अधिकारियों की देखरेख में जो 3 पुलियां बनाई गई हैं उनमें से पानी निकासी नहीं होती। बारिश के समय गड्ढ़े भर जाने से मोहल्ले में बीमारियां फैलती हैं।

बिना आवंटन के ही रह रहे लोग

शिकायत में पार्षद ने बताया कि मोहल्ले में जो 85 आवास निर्मित किए गए हैं उनमें लोग रह रहे हैं पर 2 परिवारों को छोड़कर किसी को भी इन आवासों का नियमानुसार आवंटन नही किया गया है। इन मकानों में मापदंड के अनुसार खिड़की-दरवाजे नहीं लगाए गए हैं। अल्प समय में ही ये मकान इतने जर्जर हो गए हैं कि कभी भी गिरकर जनहानि का सबब बन सकते हैं। पार्षद ने कलेक्टर से मांग की है कि ठेकेदार सोमेश भटनागर से उक्त मकानों के निर्माण की राशि वसूलकर पुन: गुणवत्तायुक्त निर्माण कराया जाए।

बाहरी तत्वों ने किया जबरन कब्जा

पार्षद भोला ठाकुर ने कलेक्टर को यह भी बताया कि वार्ड में निर्मित उक्त आवासों में ऐसे लोगों का कब्जा है जो पूर्व से मोहल्ले के निवासी नहीं हैं ऐसे लोगों को सख्ती से हटाया जाये। कलेक्टर से कहा गया है कि उक्त मोहल्ला कलेक्ट्रेट से काफी नजदीक है जिसका आकस्मिक निरीक्षण कर सत्यता से रूबरू हुआ जा सकता है। नगर पालिका के अधिकारी व ठेकेदार की मिलीभगत के चलते उक्त योजना भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई है जिसमें शासकीय कर्मचारी भी शामिल हैं।

इनका कहना है

वार्ड के पार्षद द्वारा उक्त शिकायत की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने जिला पंचायत सीईओ को जांच के निर्देश देते हुए 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है।

-सिबि चक्रवर्ती एम., कलेक्टर नरसिंहपुर