सबगुरु न्यूज़ उदयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में विचाराधीन जनहित याचिका के अंतिम चरण में नाथद्वारा के प्रमुख मार्गों को चौड़ा करने व पार्किंग स्थल बनाने को लेकर नाथद्वारा में शनिवार से शुरू किया गया अनिश्चितकालीन बंद का खास असर नहीं दिखा।
जहां मंदिर मार्ग, चौपाटी व देहली बाजार में दुकाने बंद कर प्रभावित व्यापारियों ने बंद को समर्थन दिया, वहीं लालबाजार, बोहरावाड़ी, नई हवेली सहित करीब-करीब पूरे नाथद्वारा में दुकाने खुलीं रहीं। हालांकि व्यापारियों के रुख को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूर्व में ही हर स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियां कर लीं थीं। कहीं कोई अप्रिय वारदात की सूचना नहीं रही।
गौरतलब है कि शुक्रवार को ही जिला कलक्टर पीसी बैरवाल ने तमाम प्रशासनिक अमले के साथ शहर का पैदल भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया था। शनिवार सुबह शहर के मंदिर मार्ग, देहली बाजार, गांधी मार्ग के व्यापारी चौपाटी पर एकत्रित हुए।
व्यापारी सुबह ही बाजारों व चौपाटी पर पहुंच गए। यहां ठेले वालों, चाय वालों रेस्टोरेंट तथा बाजार में सड़क किनारे दुकान लगाने वालों से बंद में शामिल होने का आग्रह किया गया। इससे चौपाटी व दिल्ली बाजार में दुकानें बंद रहीं, लेकिन अन्य बाजार रोज की तरह खुले रहे।
यह है कारण
राजस्थान हाईकोर्ट में धीरेन्द्र मनहर भाई व अन्य की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। इस मामले में तिलकायत की ओर से दाखिल किए गए शपथ पत्र के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को 1& सितम्बर तक अपना जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
इस शपथ पत्र में तिलकायत की ओर से प्रमुख मार्गों को चौड़ा करने के लिए मंदिर मंडल की सम्पत्ति को बिना किसी मुआवजे के सरकार को समर्पित करने की सहमति प्रदान की गई है। इस सहमति के बाद सरकार की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता ने न्यायालय से निजी क्षेत्र में आने वाली सम्पति के मुआवजे व मार्गों को चौड़ा करने के आकलन के लिए कुछ और समय की मांग की है। हाईकोर्ट में चल रहे इस वाद को लेकर व्यापारी वर्ग में सरकार और मंदिर मंडल के प्रति आक्रोश दिखा।