नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेरल्ड मामले में मंगलवार को पेशी से राहत मिल गई। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी, इसी दिन सोनिया गांधी और राहुल को अदालत में पेश होना पड़ेगा।
राहुल गांधी दिल्ली में नहीं हैं इसलिए उन्हें यह छूट दी गई है। वहीं सोनिया ने सफाई देते हुए कहा है कि वह किसी से नहीं डरती। जानकारी हो कि राहुल और सोनिया के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने समन जारी किया था। जिसके बाद दोनों ने दिल्ली उच्च न्यायलय में पेशी से छूट के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन न्यायालय ने सोमवार को ही दोनों की इस याचिका को खारिज कर दिया था।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में सभी अभियुक्तों को 19 दिसंबर को अदालत में पेश होना है। सिंघवी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस मामले को राजनीतिक बदले भावना से तूल दे रही है। कांग्रेस पार्टी कानून की लड़ाई लड़ती रहेगी।
इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इसे आम जनता पर छोड़ती हैं कि वे इस मामले पर क्या सोचते हैं। उन्होंने कहा कि वो किसी से नहीं डरतीं हैं, वह इंदिरा गांधी की बहू हैं।
उधर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने इस बारे में सरकार की किसी भी भूमिका से इनकार किया है। इस मामले की गूंज संसद में भी सुनाई दी, राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करने लगे। साथ ही लोकसभा में भी इस मसले को लेकर हंगामा हुआ।
इस मामले में याचिका दायर करने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि अख़बार नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल की संपत्ति लेने के लिए कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपए बतौर ऋण दिए थे जो ग़ैरक़ानूनी है।
उनका कहना है कि नेशनल हेराल्ड अख़बार के बंद होने के बाद कंपनी की संपत्ति पर ग़ैर क़ानूनी तरीके से क़ब्ज़ा कर लिया गया और यंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई गई।
गौरतलब है कि इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोहरा, महासचिव ऑस्कर फर्नाडिस, सुमन दुबे समेत 6 लोगों को समन जारी किया गया है। हालांकि उच्च न्यायालय में अब तक की सुनवाई के दौरान दो बार जज बदल चुके हैं।
बताते चलें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी ने गत 26 जून को एक चुनौती याचिका में ‘भिन्न बर्ताव’ को लेकर आपत्ति जताते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसे न्यायालय ने सोमवार को खारिज कर दिया था।
मामले में आरोप है कि कांग्रेस के इन तमाम नेताओं ने मिलकर एक यंग इंडिया नामक कंपनी बनाई जिसने बाद में नेशनल हेराल्ड की पब्लिशर एसोसिएटिड जर्नल्स को अपने कब्जे में लेकर 90.25 करोड़ रुपये वसूलने के अधिकार यंग इंडिया ने ले लिये। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय भी नेशनल हेराल्ड मामले की जांच कर रहा है।