नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड नामक अखबार एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी की न्यायालय में पेशी का नहीं है। बल्कि इस समाचारपत्र के दफ्तर की लीज का नवीनीकरण न होने पर दफ्तर बंद होने का मामला है।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में मध्यप्रदेश के भोपाल में अखबार प्रकाशन के लिए दी गई जमीन की लीज अवधि वर्ष 2011 में ही खत्म हो गई थी लेकिन नेशनल हेराल्ड का दफ्तर बिना लीज नवीकरण के अब तक वहां चल रहा था। अब इसे बंद कर दिया जाएगा।
वहीं आरोप लगाए जा रहे हैं कि नेशनल हेराल्ड ने इस भूखण्ड को कुछ लाख रूपए में बेच दिया था और वर्तमान में इसकी कीमत 50 करोड़ रूपए से ज्यादा है। नेशनल हेराल्ड से जुड़ा यह मामला भी उच्चन्यायालय में लंबित है। इसी तरह नेशनल हेराल्ड की इंदौर की जमीन को भी बेचा जा सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वड्क्कन के मुताबिक नेशनल हेराल्ड मामला अभी न्यायलय में है, इसलिए वह इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। आगामी 19 दिसम्बर को मामले की सुनवाई के बाद ही समाचारपत्र के दफ्तर की लीज नवीकरण के मसले पर कुछ विचार किया जाएगा।