चंडीगढ़। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू के बाद उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी विधायक पद छोड़ दी है। राज्यसभा प्रेसिडेंट ने नवजोत सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
इस्तीफा मंजूर हो जाने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, वह पार्टी की ओर से पंजाब में सीएम पद के उम्मीदवार नहीं होंगे। बीजेपी सूत्रों ने भी सिद्धू के पार्टी छोड़ने की पुष्टि की है, हालांकि बीजेपी के प्रदेश संगठन महासचिव दिनेश जी ने डॉ नवजोत कौर के इस्तीफा देने से इंकार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू अगर आम आदमी पार्टी उन्हें सीएम कैंडिडेट भी बना सकती है। इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह ने कहा कि सही गलत की लड़ाई में तटस्थ नहीं रहा जा सकता है। सही गलत चुनना था। पंजाब का हित सबसे ऊपर है।
पीएम के कहने पर मैं राज्यसभा गया। साल 2014 लोकसभा चुनाव के में पार्टी ने अमृतसर सीट से सांसद सिद्धू का टिकट काट दिया। उनकी जगह अरुण जेटली को पार्टी कैंडिडेट बनाया गया। सिद्धू 10 साल से इस सीट से सांसद थे। पार्टी का यह दांव उलटा पड़ा। जेटली चुनाव हार गए। तब से ही सिद्धू पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।
अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें मनाने की कोशिश की। उन्हें राज्यसभा एमपी बनाना इसी की कवायद माना जा रहा था। लेकिन सांसद बनने के तीन महीने के भीतर ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पंजाब में बीजेपी विधायक हैं। नवजोत कौर लगातार बीजेपी की सहयोगी अकाली दल पर हमले करती रही हैं। कहा जा रहा है कि पति-पत्नी चाहते थे कि बीजेपी विधानसभा चुनावों में अकेले जाए और सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी दी जाए।
नवजोत कौर हाल ही में पार्टी से एक इंटरव्यू के दौरान पार्टी से अलग होने के संकेत दे दिए थे। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अकाली और भाजपा तो मिलकर ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मैं और सिद्धू प्रचार नहीं करेंगे। तभी से दोनों आम आदमी पार्टी के टच में बताए जा रहे हैं।
पंजाब में अकाली-बीजेपी गठजोड़ बनाए रखने के एलान के सिद्धू की वाइफ डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने आप में जाने के संकेत दिए थे। डॉ. सिद्धू ने कहा था कि वे चाहती हैं कि पंजाब में बीजेपी को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। हालांकि, उन्होंने इसे अपनी निजी राय बताया था।
उन्होंने आम आदमी पार्टी को लोगों के लिए एक मौका बताया था। फरवरी में दिए गए अपने बयान में उन्होंने यह नहीं बताया था कि वे चुनाव लड़ेंगी तो किस पार्टी से। नवजोत ने कहा था कि इसका खुलासा वे बाद में करेंगी।
लगातार 2004 से 2014 तक अमृतसर सीट से सांसद रहे सिद्धू पार्टी में नजरअंदाज किए जाने से भी दुखी थे। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के आने के बाद उनका कद लगातार घटा।
सिद्धू का राज्यसभा से इस्तीफा, मंजूर
मशहूर क्रिकेटर और कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। राज्यसभा सचिवालय ने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए सिद्धू का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। सिद्धू ने इसी साल 28 अप्रैल को सिद्धू ने राज्यसभा में मनोनीत सदस्य के रूप में पंजाबी में शपथ ली थी।
सोमवार से शुरु हुए संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान उन्होंने इस्तीफा दे दिया। राज्यसभा सांसद मनोनीत होने के समय ही उन्होंने भविष्य में राज्य सभा छोड़ने को लेकर राय बना ली थी।
सिद्धू के राज्य सभा से इस्तीफा देने से पहले ही उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने चार महीने पहले फेसबुक के जरिए इस बात का ऐलान किया था। उन्होंने लिखा था कि आखिरकार, मैंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। बोझ उतर गया।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पहले ही इस बात के संकेत दिए थे कि सिद्धू को पंजाब भाजपा में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है, लेकिन सिद्धू को राज्य में अहम जिम्मेदारी सौंपकर वह अकाली दल से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते। शायद इसलिए उन्हें बाद में राज्यसभा में मनोनीत कर दिया गया।