नवसारी। चिखली के खूंध गांव की आंगनबाडी की महिला कार्यकर ने शुक्रवार भूल से शक्तिवर्धक दवाई के बदले 12 बच्चों को चर्म रोग की दवाई पीला दी थी। दवाई पीने के बाद बच्चों की तबीयत बिगडने पर उन्हें तत्काल चिखली रेफरल अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां हाल सभी बच्चों की हालत सुधार पर होने की जानकारी मिली है।
चिखली तहसील के खूंध गांव स्थित सांईनगर सोसायटी में कार्यरत आंगनबाडी में शुक्रवार 21 बच्चे पढऩे आए थे। शुक्रवार आंगनबाडी में दोपहर दो बजे की रीसेस के बाद बच्चों को आर्यन सीरप (शक्तिवर्धक प्रवाही दवाई) दी जाती है। लेकिन आंगनबाडी में काम करती महिला कार्यकर ने भूल से आंगनबाडी के 12 बच्चों को खुजली (चर्मरोग) पर लगाने की गामा बेनजीन जीबी लोशन प्रवाही पीला दी।
चर्मरोग की दवाई पीते ही मासूम बच्चों की तबीयत बिगड गई। बच्चों को उल्टी व उबका (मतली) आने से आंगनबाडी कार्यकर ने तत्काल सभी बच्चों को चिखली रेफरल अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां सभी बच्चों को तत्काल उपचार मिलने से खतरे से बहार रहे और हाल उनकी हालत सुधार पर होने की जानकारी मिली है।
बच्चों की तबीयत बिगडऩे की खबर मिलते ही उनके अभिभावक, गांव के आगेवान व खूंध गांव के सरपंच हर्षद पवार भी तत्काल चिखली रेफरल अस्पताल पहुंचे। उधर, जिला स्वास्थ्य विभाग को भी सूचना मिलते ही बीमारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. मेहुल डेलीवाला, चिखली तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. युएम पुंछवाला मौके पर पहुंचे व जांच शुरू की।