मुंबई। देश के सबसे बड़े और आधुनिक 7,300 टन वजन वाले जंगी जहाज आईएनएस विशाखापट्टनम को सोमवार को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान पानी में उतारा गया।
भारतीय नौसेना में वर्ष 2018 में शामिल किए जाने वाले जहाज को पहली बार समंदर में उतारा गया है। आईएनएस विशाखापट्टनम एटमी, बायोलॉजिकल (जैविक) और केमिकल (रासायनिक) युद्ध की स्थिति में दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम है।
नौसेना डिजाइन के डायरेक्टर जनरल रियर एडमिरल एके सक्सेना के मुताबिक, ‘टोटल एटमॉसफियर कंट्रोल सिस्टम (टीएसी) की वजह से इस जहाज के भीतर आने वाली हवा एटमी, केमिकल और बायोलॉजिकल फिल्टर्स से गुजरती है।
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जंग के दौरान मशीन वाले सेक्शन में जाने से पहले नौसैनिक को खास तौर पर तैयार मास्क पहनने पड़ेंगे। इसी समूह के बाकी तीन युद्धपोतों को हर दो साल के अंतराल पर नेवी को सौंपा जाएगा।
गौरतलब है कि आईएनएस विशाखापट्टनम जमीन से हवा में मार करने वाली 32 ‘बराक 8’ मिसाइलों से लैस है। आईएनएस विशाखापट्टनम में इजरायली ‘मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार’ सिस्टम लगा है।
यह रडार पोत के कंट्रोल रूम में तैनात नेवी अफसरों को हमले के लिए सटीक जानकारी मुहैया कराएगा। इस जंगी जहाज पर एंटी-शिप ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जाएंगी।
आईएनएस विशाखापट्टनम क्लास के तीन और जंगी जहाज नौसेना के लिए तैयार कराए जा रहे हैं। इस परियोजना की कुल लागत 29,340 करोड़ रुपए है।
आईएनएस विशाखापट्टनम के अलावा आईएनएस पोरबंदर और आईएनएस मर्मज्ञ समेत तीन अन्य जहाज तैयार किए जा रहे हैं। चौथे जहाज के नाम पर विचार किया जा रहा है जिसका निर्णय राष्ट्रपति करेंगे।