इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद को पाकिस्तान पहुंचते ही राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में पत्नी मरियम नवाज के साथ उन्हें जमानत मिल गई।
लंदन में शरीफ परिवार के स्वामित्व वाली संपत्तियों से संबंधित मामले में सोमवार को लंदन से पाकिस्तान पहुंचते ही मरियम के पति कैप्टन मुहम्मद सफदर (सेवानिवृत्त) को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि बाद में उन्हें एक जवाबदेही अदालत ने जमानत दे दी।
अदालत में पेश होने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में मरियम ने कहा कि पहले से ही सजा मिलने (नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने) के बावजूद उनके परिवार पर मामला चलाया जा रहा है।
मरियम ने कहा कि ये सुनवाइयां फैसले के दिन तक चलेंगी, जब तक कि कुछ उभरकर सामने नहीं आता, जिसमें वह (नवाज शरीफ) या उनके परिवार का कोई सदस्य पकड़ा जाए।
मरियम ने कहा कि संयुक्त जांच टीम द्वारा उनके पारिवारिक व्यवसाय के संबंध में जो सवाल उठाए गए हैं, वे हमेशा सवाल ही बने रहेंगे क्योंकि ये झूठे आरोप हैं, जिनका कोई जवाब नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि उनके भाई हसन और हुसैन नवाज अदालत में कब पेश होंगे? उन्होंने कहा कि वे अपना फैसला खुद लेंगे और वे विदेश में रहते हैं, इसलिए पाकिस्तान का कानून उन पर लागू नहीं होता।
अदालत में नवाज शरीफ द्वारा दायर एक आवेदन पर भी सुनवाई हुई, जिसमें अदालत में उपस्थित होने से स्थायी छूट की मांग की गई थी, क्योंकि वह अपनी बीमार पत्नी कुलसुम नवाज की देखरेख के लिए लंदन चले गए हैं।
जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने पूर्व प्रधानमंत्री के आवेदन पर फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सर्वोच्च अदालत की पांच सदस्यीय पीठ ने 28 जुलाई को एनएबी को नवाज शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ छह सप्ताह के भीतर जवाबदेही अदालत में मामला दाखिल करने का आदेश दिया था और निचली अदालत को मामले पर छह महीने के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया था।
पिछली सुनवाइयों में मौजूद नहीं होने पर जवाबदेही अदालत ने दो अक्टूबर को शरीफ के बेटों और कैप्टन सफदर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए थे।