नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में एक ग्रीन फील्ड हवाईअड्डे के निर्माण को ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ दे दी है।
नया हवाईअड्डा 3,000 हेक्टेयर भूमि में बनने की संभावना है और यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा होगा।
जेवर में नए अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण से नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआईए) पर बुनियादी ढांचे से संबंधित दबाव कम होगा।
अनुमान है कि 2020 तक आईजीआईए को प्रति वर्ष 9.1 करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करनी होगी, जो वर्तमान में सालाना 6.2 करोड़ है।
उत्तर प्रदेश का नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा आईजीआईए से 72 किलोमीटर तथा गाजियाबाद स्थित हिंडन वायुसेना केंद्र से 65 किलोमीटर की दूरी पर होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि जेवर हवाईअड्डे के पहले चरण को मंजूरी दे दी गई है। नागरिक उड्डयन मंत्री के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के जेवर में हवाईअड्डे के पहले चरण के लिए साइट की मंजूरी पांच साल में पूरी की जानी है।
यहां राजीव गांधी भवन में प्रेस वार्ता में राजू ने कहा कि एनसीआर में विमान सेवाओं की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से हमने जेवर (ग्रेटर नोएडा) में एक ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।” राजीव गांधी भवन में ही नागरिक उड्डय मंत्रालय का मुख्यालय है।
उन्होंने कहा कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा अगले 10-15 वर्षो में सालाना 3-5 करोड़ लोगों को सेवा प्रदान करेगा। मंत्री ने कहा कि परियोजना के पहले चरण के लिए 1,000 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी।
परियोजना का विवरण देते हुए नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के पहले चरण पर 10,000 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है।
सिन्हा ने कहा कि पहले चरण के तहत एक रनवे तथा एक टर्मिनल इमारत का निर्माण होगा।राज्य सरकार यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के माध्यम से भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर सकती है और एक साल के भीतर एक तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन करेगी।
उल्लेखनीय है कि अप्रैल महीने में सिन्हा ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार को जेवर में एक ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा स्थापित करने के लिए एक ताजा प्रौद्योगिकी आकलन करने के लिए कहा गया है।
सिन्हा ने कहा कि जेवर में प्रस्तावित स्थल का प्रौद्योगिकी आकलन पहले ही कर लिया गया था, लेकिन अवधि समाप्त हो जाने के कारण ताजा अध्ययन करने की जरूरत पड़ गई।
यह घोषणा नागरिक उड्डयन सचिव आरएन चौबे के नेतृत्व में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर स्टीयरिंग कमेटी द्वारा उत्तर प्रदेश की नई सरकार की तरफ से पेश प्रस्ताव के आधार पर परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी देने के एक दिन बाद की गई है।
उत्तर प्रदेश की पिछली सरकार ने उस नियम का हवाला देते हुए परियोजना को खारिज कर दिया था, जो 150 किलोमीटर के दायरे में दूसरे हवाईअड्डे के विकास को मंजूरी नहीं देता है।