नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने बिहार चुनावों में मिली हार के कारणों पर समीक्षा बैठक की। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष की एकजुटता के चलते बिहार में राजग की हार हुई।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अरुण जेटली, शिवराज सिंह चौहान, नितिन गडकरी, वैंकया नायडू, सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह शामिल हुए ।
भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए अरूण जेटली ने कहा कि बैठक में चुनावों से जुड़ी रिपोर्ट पेश की गई। प्रारंभिक तौर पर हार का मूल कारण महागठबंधन घटक दलों की एकजुटता को माना गया। बिहार का गणित समझने में हुयी गड़बड़ी को स्वीकारते हुये उन्होंने कहा कि बिहार में हार की जिम्मेदारी सबकी है किसी एक को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और राजग दोनों का ही वोट प्रतिशत कम हुआ है लेकिन यह बड़ी बात है कि भाजपा को सबसे ज्यादा 24.4 प्रतिशत वोट मिला है। उन्होंने कहा कि हम बिहार की जनता के जनादेश को स्वीकार करते हैं और उम्मीद करते हैं कि नई सरकार राज्य की प्रगति के लिए काम करेगी और हम विपक्ष की भूमिका निभायेंगें।
संघ प्रमुख के आरक्षण पर दिये बयान पर जेटली ने कहा कि किसी एक बयान से चुनाव में हार जीत तय नहीं होती। हमने सामाजिक संरचना के आधार पर मिले आरक्षण को स्वीकारा है और संघ भी इसे मानता है। हालांकि उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने आरक्षण वाले बयान को गलत तरीके से पेश किया है।
जेटली ने कहा कि भाजपा बिहार चुनाव से सबक लेकर असम और केरल विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करेगी। असम में अच्छी संख्या में कार्यकर्ता जीत कर आए हैं। केरल में भाजपा को 18 फीसदी वोट मिले हैं। अमित शाह की नेतृत्व क्षमता पर एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने चार विधानसभा और कई स्थानीय निकाय चुनावों में जीत हासिल की है।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान से संबंधित एक सवाल के जवाब में अरूण जेटली ने कहा कि पार्टी नेताओं को भाषा में शालीनता रखनी चाहिये। बिहार को विशेष पैकेज पर जेटली ने कहा कि बिहार को केन्द्र सरकार की तरफ से पैकेज दिया गया है जो जारी रहेगा। यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या शत्रुघ्न सिन्हा पर कोई कार्रवाई होगी उन्होंने कहा कि बैठक में किसी कार्रवाई की चर्चा नहीं हुई।