नई दिल्ली। बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के तीन तलाक को खत्म करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से महिलाओं की आजादी नहीं है और इससे आगे जाकर 1400 साल पुराने कुरान के नियमों को खत्म करने की जरूरत है।
तसलीमा ने ट्वीट किया कि तीन तलाक को खत्म करना निश्चित तौर महिलाओं की आजादी नहीं है। महिलाओं को शिक्षित करने की जरूरत है और उन्हें आत्मनिर्भर होना चाहिए।
तसलीमा ने कहा कि 1400 साल पुराने कुरान के कानून खत्म होने चाहिए। हमें बराबरी पर आधारित आधुनिक कानून की जरूरत है।
एक साथ किए गए कई ट्वीट में तसलीमा ने कहा कि सिर्फ तीन तलाक ही क्यों? पूरा इस्लाम का कानून या शरिया कानून खत्म किया जाना चाहिए। सभी धार्मिक कानूनों को मानवता के लिए खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मो के साथ सभी धार्मिक नियम व परंपराएं महिला विरोधी हैं।
तसलीमा को उनके नास्तिक विचारों के लिए जाना जाता है। तसलीमा ने कहा कि तीन तलाक कुरान में नहीं है। क्या इस वजह से इसे हटाया गया है? कुरान में बहुत सारे अन्याय व असमानताएं हैं, तो क्या उसे रखा जाना चाहिए?
अदालत का फैसला आने से पहले लेखिका ने ट्वीट किया था कि भारत के प्रगतिशील लोग तीन तलाक को खत्म किए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
सर्वोच्च अदालत ने मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक को असंवैधानिक, मनमाना करार देते हुए कहा है कि यह इस्लाम का हिस्सा नहीं है।