अजमेर। देश में व्याप्त मानवाधिकार विरोधी वातावरण से लडऩे के लिए सभी संघर्षशील ताकतों व संगठनों को एकजुट किए जाने की आवश्यकता है। यह विचार सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं मैग्सेसे पुरस्कार विजेता अरुणा राय पीयूसीएल की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में व्यक्त किए।
बैठक को सम्बोधित करते हुए पीयूसीएल की राज्य अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने व्यापक मानवाधिकार परिदृश्य पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश में वैज्ञानिक सोच को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।
शनि मन्दिर में महिलाओं का प्रवेश, किशोरों के लिए अपराध की उम्र कम किया जाना, पंचायती राज में शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण आदि ऐसी सोच है जिन्हें समाज की सोच बतलाकर सभी पर थोपा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकताओं और विशेषकर महिला सामाजिक कार्यकताओं के विरुद्ध षडयंत्रपूर्वक गलत जानकारियां फैलाई जा रही है।
बैठक में राज्य की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए राज्य महासचिव डॉ. अनन्त भटनागर ने कहा कि राज्य में हुई विभिन्न साम्प्रदायिक घटनाओं पर पीयूसीएल द्वारा जांच कर सत्य को उजागर किया गया है।