नई दिल्ली। मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा में उर्दू भाषा को भी रखने की मांग करनेवाली स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन आफ इंडिया(एसआईओआई) की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वो अगले साल से उर्दू भाषा को नीट परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दे सकता है।
इस साल से उर्दू भाषा में परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है क्योंकि नीट परीक्षा की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। इसे पीछे नहीं किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने कहा कि किसी भी राज्य सरकार ने उर्दू को नीट परीक्षा में शामिल करने की मांग नहीं की।
केंद्र ने इस मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 22 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
तीन मार्च को एसआईओआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एमसीआई को नोटिस जारी किया था। जिसके बाद केंद्र ने ये जवाब दाखिल किया है।
याचिका में एसआईओआई ने कहा है कि उर्दू देश की छठी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। लेकिन नीट की परीक्षा में इस भाषा में परीक्षा देने की इजाजत नहीं दी गई है। जबकि उर्दू से कम बोली जाने वाली कई भाषाओं में नीट परीक्षा देने की इजाजत है।
एमसीआई की आधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक नीट परीक्षा का आयोजन दस भाषाओं में करने का प्रावधान है। जिन भाषाओं में परीक्षा होगी उनमें अंग्रेजी भी शामिल है।