कन्नूर/तिरुवनंतपुरम। देशभर के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा के दौरान तलाशी के तहत एक परीक्षार्थी से अंत:वस्त्र उतारने को कहने वाली चार महिला शिक्षकों को अधिकारियों ने एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा है कि मामले की जांच पुलिस करेगी।
कन्नूर के निकट पयानूर स्थित स्कूल प्रबंधन ने भी मामले की जांच शुरू की है। राज्य की राजधानी में मुख्यमंत्री विजयन ने घटना पर विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथाला के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस से मामले की जांच करने तथा एक मुकदमा दर्ज करने को कहा है।
विजयन ने कहा कि यह मामला ड्रेस कोड को लेकर सामने आया है और हम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के खिलाफ केंद्र से कड़ा विरोध जताएंगे।
घटना की हर पार्टी के विधायकों ने निंदा की और सभी ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
केरल राज्य मानवाधिकार आयोग (केएसएचआरसी) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सोमवार को एक खत लिखा और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
केएसएचआरसी के कार्यकारी अध्यक्ष पी.मोहनदास ने एक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है और कन्नूर जिला पुलिस प्रमुख तथा सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक से तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
घटना रविवार को कन्नूर जिले में एनईईटी के एक परीक्षा केंद्र में घटी, जहां परीक्षा देने के बाद एक परीक्षार्थी ने संवाददाताओं से कहा कि तलाशी के दौरान उसे परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने अंत:वस्त्र उतारने के लिए कहा था।
एक अन्य परीक्षार्थी जिसने जींस पहन रखी थी, उसे एक पॉकेट काटकर हटाने के साथ ही कपड़ों से धातु के बटनों को निकालने के लिए कहा गया। अन्य महिला परीक्षार्थियों ने शिकायत की कि उन्हें टॉप का बाजू काटने के लिए कहा गया।
सरकारी व निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में नामांकन के लिए रविवार को सीबीएसई द्वारा लगभग 104 शहरों में एनईईटी की परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था।