कन्नूर। सरकारी एवं निजी मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए रविवार को हुई एनईईटी में अनुचित साधनों का प्रयोग रोकने के नाम पर लागू किए गए बेहद सख्त ड्रेस कोड के कारण ऐसी कार्रवाइयां हुई जिन्होंने कई छात्राओं को परेशान व स्तब्ध कर दिया।
ऐसे ही स्तब्ध करने वाली एक घटना यहां हुई जब एक छात्रा के परीक्षा में बैठने से पहले उसके अंत:वस्त्र उतरवा लिए गए। क्षुब्ध दिख रही छात्रा ने परीक्षा के बाद संवाददाताओं को बताया कि परीक्षा केंद्र अधिकारियों ने उससे अंत:वस्त्र उतारने को कहा।
छात्रा की मां ने कहा कि मेरी बेटी केंद्र में गई। थोड़ी ही देर में वह लौटकर आई और उसने मुझे अपना शरीर के ऊपरी हिस्से में पहना जाने वाला अंत:वस्त्र सौंपा। जींस पहने हुए एक अन्य छात्रा से जेब और मेटल के बटन हटाने को कहा गया।
इस छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने जींस पहन रखी थी। इसमें जेबें और मेटल बटन थे। इन्हें निकालने के लिए कहा गया। मैं परीक्षा केंद्र से तीन किलोमीटर दूर एक दुकान पर भागा-भागा गया और उसके लिए नए कपड़े खरीदकर वापस आया।
हालात ऐसे थे कि परीक्षा केंद्र के आसपास के इलाकों में लोगों ने परीक्षार्थियों को ‘उचित’ कपड़े पहनने के लिए दिए ताकि बच्चियों की परीक्षा न छूटे।
एक अभिभवाक ने कहा कि मैं एक ऐसे मुस्लिम परिवार को जानता हूं जिसने परीक्षार्थियों को पहनने के लिए छह टॉप दिए। हालात तब और खराब हो गए जब अधिकारियों ने पूरी आस्तीन वाला टॉप पहनकर भी बच्चियों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया। जिन्होंने ऐसी पूरी आस्तीन वाले टॉप पहने हुए थे, उन्होंने जल्दी-जल्दी काटकर आस्तीन को आधी बांह का किया।
कांग्रेस की महिला इकाई की अध्यक्ष बिंदु कृष्णा ने कहा कि अग्नि परीक्षा तो हो गई लेकिन यह विचारणीय है कि ऐसे अपमानजनक माहौल में कितनी छात्राएं सहज होकर परीक्षा दे सकीं होंगी। मैं मुख्यमंत्री पिनारई विजयन को इस मामले में लिखूंगी और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करूंगी।