सूरत। वह सुबह भी रोज जैसी थी, लेकिन जैसे ही धरती में हलचल हुई तो 15 साल पहले गुजरात में आए भूकम्प की याद ताजा हो गई। चंद सैकंड में लोग सड़कों पर दौड़ते दिखे।
दुकानों को खुली छोड़ हम भी बाहर दौड़ पड़े। काठमांडू के इंद्रचौक और धाराचौक स्थित कपड़ा बाजार से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए, लेकिन तब तक काफी तबाही हो गई।
भय से धूजते समय यह विचार भी नहीं फूटा कि घर पर सुरक्षित होने की खबर कर दें। यह बातें व्हाट्सएप चैटिंग पर रविवार रात काठमांडू से सूरत के कपड़ा व्यापारी प्रदीप बंसल ने बताईं।
रात करीब 12 बजे बंसल डिसकनेक्ट हो गए। तब से उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। हालांकि इस दौरान उन्होंने स्वयं समेत राजस्थान और सूरत के कई कपड़ा व्यापारियों के सुरक्षित होने की जानकारी दी।
बंसल की तरह रविवार देर रात तक जीतूभाई, रहमान, ओमभाई आदि व्यापारी भी स्थानीय व्यापारियों और उनके परिजनों के सम्पर्क में आ चुके हैं, लेकिन इनमें से कई ने अन्य व्यापारियों के लापता होने की आशंका व्यक्त की है।
बातचीत में प्रदीप ने बताया कि इंद्रचौक और धाराचौक स्थित बाजार के ज्यादातर व्यापारी शनिवार दोपहर बाद सम्पर्क में आ गए थे, लेकिन रक्सौल स्थित बाजार के व्यापारियों से सम्पर्क नहीं हो पाया। वहां भी सूरत और राजस्थान से जुड़े करीब 50-60 कपड़ा व्यापारी हैं।
सूरत से प्रदीप कपड़ा कारोबार का खासा अनुभव लेकर वहां गया था। करीब दो माह पहले जब वह काठमांडू से सूरत आया, तब उसने बताया था कि वहां मार्जिन अच्छा है, इसीलिए यहां से वहां पहुंचा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। रविवार रात उसने बताया कि वह अब सड़क पर आ गए हैं और भीगते हुए रात बितानी पड़ रही है।
दोपहर बात हुई
प्रदीप समेत अन्य व्यापारी सम्पर्क में हैं। दोपहर भी उससे बात हुई। बैटरी लो होने की प्रोब्लम थी, इसलिए ज्यादा बात नहीं हो पाई। वह सभी सुरक्षित हैं।
हनुमान बंसल, स्थानीय कपड़ा व्यापारी