काठमांडू। नेपाल की संसद आगामी 3 अगस्त को अपने देश के लिए नए प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी। यह स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी द्वारा राजनीतिक दलों को आम राय से प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए दी गए निर्देशों के बाद समय सीमा समाप्त हो गई।
उल्लेखनीय है कि नेपाली राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने अपने यहां के प्रमुख राजनीतिक दलों नेपाली नेपाली कांग्रेस तथा कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल, एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी और कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से कहा था कि वे आपसी विचार विमर्श करते हुए आम सहमति से देश का नया प्रधानमंत्री चुनने का रास्ता प्रशस्तप करें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
इसके पीछे का कारण देश के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी के विपक्ष में बैठने का फैसला ले लिया गया बताया जाता है। इस निर्णय के कारण प्रधानमंत्री के नाम की आपसी सहमति नहीं बन सकी। इसलिए आगे सभी पार्टियां नए नेता का चयन संसद में बहुमत के आधार पर करेंगी।
वहीं इस चुनाव के संबंध में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड ने बताया कि संसद से प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए संसद के महासचिव की अध्यक्षता में पैनल बताया जाएगा और मंगलवार को प्रत्याशियों के नामों का प्रस्ताव किये जाने के बाद 3 अगस्त बुधवार को चुनाव करा लिया जाएगा, इसी के साथ यह तय हो जाएगा कि नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा।