काठमांडू। नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने अपने इस्तीफे की योजना मंगलवार को टाल दी, जिसके साथ ही काठमांडू में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है।
प्रचंड ने दिन के प्रारंभ में अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों को सूचित किया कि वह नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के लिए अगले प्रधानमंत्री का रास्ता साफ करने के लिए इस्तीफा देंगे।
दूसरी तरफ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के नेता के.पी. ओली ने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री स्थानीय चुनाव के मध्य इस्तीफा नहीं दे सकते और 14 जून को दूसरे चरण का चुनाव पूरा होने तक उन्हें पद पर बने रहना चाहिए।
संसद अध्यक्ष ओनसारी घरती द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई प्रचंड, ओली और देउबा की बैठक में कोई रास्ता नहीं निकल पाया, क्योंकि ओली अपने रुख पर अड़े रहे।
संसद की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे शुरू होनी है और प्रचंड ने संसद की बैठक शुरू होने से पहले शीर्ष नेताओं की एक बैठक बुलाई है।
प्रचंड का प्रस्तावित इस्तीफा पिछले वर्ष अगस्त में हुए एक करार का हिस्सा था, जिसके तहत देउबा की मदद से प्रचंड प्रधानमंत्री चुने गए थे।
प्रचंड और देउबा में सहमति बनी थी कि दोनों फरवरी 2018 में संसदीय चुनाव होने तक बारी-बारी से प्रधानमंत्री पद संभालेंगे।
समझौते के अनुसार प्रचंड को स्थानीय चुनाव होने तक पद पर रहना था, जबकि प्रांतीय और केंद्रीय स्तर के चुनाव देउबा के प्रधामंत्रित्व काल में होने थे।
मंत्रिमंडल सदस्यों ने दिन के प्रारंभ में सामूहिक तस्वीरें खिंचवाईं, इस अनुमान में कि आज उनका अंतिम दिन होगा, और उसके बाद प्रचंड संसद को संबोधित करने वाले थे। लेकिन मुख्य विपक्षी नेपाली नेकपा-एमाले ने संसद में कामकाज नहीं होने दिया।