कोलकाता। भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कभी भी पूर्व कोच अनिल कुंबले को सख्त मिजाज होते नहीं देखा। साहा ने कहा कि वहीं, वर्तमान कोच रवि शास्त्री उन्हें हमेशा सीमा से बाहर आकर और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी पर आक्रामक होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
वेस्टइंडीज दौर से पहले कप्तान विराट कोहली द्वारा कोचिंग के तरीके पर उठाए गए सवाल के बाद कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। कुंबले ने अपने इस्तीफे में लिखित में दिया था कि उनके कप्तान के साथ संबंध सही नहीं हैं।
श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से जीत हासिल करने के बाद संवाददाताओं को दिए एक बयान में साहा ने कहा कि मुझे ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ कि कुंबले सख्त मिजाज के हैं। एक कोच के नाते उन्हें एक समय पर कहीं न कहीं सख्त होने की जरूरत थी। कुछ खिलाड़ियों को वह सख्त लगे और कुछ को नहीं। मुझे कभी ऐसा नहीं लगा।
दोनों कोचों के बीच अंतर के बारे में साहा ने कहा कि कुंबले हमेशा से टीम को टेस्ट मैचों में 400, 500 या 600 से ऊपर स्कोर करते देखना चाहते थे और प्रतिद्वंद्वी टीम को 150 या 200 के बीच रोकना। यह हमेशा संभव नहीं हो सकता था। इसके उलट, शास्त्री भाई ने हमेशा हमें प्रतिद्वंद्वी टीमों को कमजोर करने के लिए प्रोत्साहित किया। केवल यहीं अंतर हमने देखा। बाकी दोनों ही हर क्षेत्र में सकारात्मक रहे हैं।
भारत ने 2015 से लेकर अब तक लगातार नौ सीरीज में जीत हासिल की है। भारत ने 2015 से अब तक दक्षिण अफ्रीका (3-0), वेस्टइंडीज (2-0), न्यूजीलैंड (3-0), इंग्लैंड (4-0), बांग्लादेश (1-0), आस्ट्रेलिया (2-1) और श्रीलंका (2015 2017) के खिलाफ सीरीज जीती है।
शास्त्री ने हाल ही में एक विकेटकीपर के तौर पर साहा की तुलना महेंद्र सिंह धौनी और इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर बॉब टेलर से की थी।
साहा ने कहा कि मैंने टेलर को विकेटकीपिंग करते नहीं देखा। मैंने केवल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की और हमेशा अवसरों की तलाश में रहता हूं। मैं अपने जिम्मेदारी को निभाने के लिए हमेशा सक्रिय रहता हूं।