फिट बॉडी के लिए हम सभी आए दिन कुछ न कुछ करते है। एक्सरसाइज से लेकर डायटिंग और योगा तक। लेकिन कभी यह सोचा है कि खाने में हुई कुछ गल्तियां हम पर बहुत भारी पड़ सकती है।
जी हां अक्सर जानकारी के अभाव में हम अक्सर खाने में बहुत गलतियां करते हैं और धीरे धीरे ये बीमारियों की शक्ल में सामने आने लगती है। आइए एक नजर डाले ऐसी ही गलतियों पर और जानें क्या है सही और क्या है गलत।
भोजन और पानी : आयुर्वेद और मेडिकल साइंस दोनों कहते हैं कि खाने से 45 मिनट पहले और खाने के 45 मिनट बाद पानी, चाय, कॉफी या जूस आदि न पिएं। ऐसा करने से पाचन शक्ति कमजोर होती है और खाना शरीर में विकारपैदा करता है। अगर भोजन रूखा हो या प्यास बहुत तेज हो तो खाने के दौरान थोड़ा बहुत पानी पिया जा सकता है।
दूध और खट्टे फल : दूध में मौजूद लेक्टोज प्रोटीन को पचाने के लिए शरीर को काफी मेहनत करनी पड़ती है। अगर दूध पीने से तुरंत पहले या उसके बाद नींबू, सेब या संतरे जैसे खट्टे फल खाए जाएं तो पेट में दूध फटता इसका नतीजा होता है गैस, खट्टी डकार या फिर पेट में जलन।
एंटीबायोटिक और डेयरी प्रॉडक्ट : एंटीबायोटिक लेने के तीन घंटे पहले और खुराक के तीन घंटे बाद तक दूध, दही, पनीर, चीज या फिर चाय का सेवन न करें। विशेषज्ञों के मुताबिक डेयरी प्रॉडक्ट्स में मौजूद बैक्टीरिया, ज्यादातर एंटीबायोटिक दवाओं के असर को बहुत ही कम कर देता है। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर या केमिस्ट से पूछ लें।
कफ की दवा और नींबू : दोनों सर्दी जुकाम में आराम पहुंचाते हैं, लेकिन इन्हें एक साथ लेने पर गड़बड़ हो जाती है। नींबू के असर के चलते पेट में कफ सिरप का रासायनिक विघटन नहीं होता है और खुराक असरहीन सी हो जाती है।
कोर्बोनेटेड ड्रिंक और पुदीना : पेप्सी, कोला, सोडा या फिर कोई भी फ्रिज वाली ड्रिंक हो, उसमें पुदीना नहीं मिलाना चाहिए। कभी कभार ड्रिंक को खूबसूरत बनाने के लिए कुछ लोग उसमें ऊपर से दो पत्तियां तैरा देते लेकिन ध्यान रहे कि पुदीना या मिंट न डालें। इनकी मिक्सिंग पेट के लिए जहरीली होती है। साइनाइड बनने की आशंका भी हो सकती है।
दही में फल : आयुर्वेद के मुताबिक दही में खट्टे फल नहीं मिलाने चाहिए। इससे जठराग्नि कमजोर पड़ती है और पाचन गड़बड़ा जाता है। इससे जुकाम, एलर्जी या साइनस जैसी समस्या हो सकती है।
दवा और अल्कोहल : अल्कोहल नशा करने के साथ साथ शरीर में खून के प्रवाह को भी तेज करता है। दवा लेते समय अल्कोहल से बचना ही चाहिए। रिऐक्शन होने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।