जयपुर। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने छात्रसंघ चुनाव के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
चुनावों में लिंगदोह समिति के अनुसार कोई भी विद्यार्थी छात्रसंघ पदाधिकारी पद पर केवल एक बार चुनाव लड़ सकता है, लेकिन कार्यकारिणी सदस्य का चुनाव दो बार लड़ सकता है। इसके साथ ही तीन वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम में अध्यनरत अधिकतम 25 वर्ष की आयु तक के विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव लड़ सकेंगे।
निदेशालय ने तीन वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम में स्नातक के बाद ही प्रवेश मिलने की व्यवस्था को देखते हुए इस पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए यह आयु सीमा तय की है जबकि पंचवर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम में पहले तीन सालों में अध्यनरत विद्यार्थियों के लिए यह आयु सीमा न्यूनतम 17 और अधिकतम 22 साल है।
निदेशालय के निदेशक के अनुसार परीक्षा में ड्यू और पूरक रहने वाले विद्यार्थी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे वहीं कक्षा प्रतिनिधि के चुनाव के लिए कोई भी पात्र विद्यार्थी अधिकतम दो बार जबकि छात्रसंघ पदाधिकारी के लिए अधिकतम एक ही बार चुनाव लड़ सकेगा।
ऐसा छात्र भी चुनाव नहीं लड़ सकता जिसके खिलाफ किसी मामले में न्यायालय ने आरोप निर्धारित कर दिया। आचार संहिता के अनुसार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव पद पर चुनाव लडऩे के लिए प्रत्याशी का महाविद्यालय में न्यूनतम एक वर्ष तक अध्ययनरत होना आवश्यक नहीं है।
चुनावों में स्ववित्त पोषी पाठ्यक्रमों के छात्रों को महाविद्यालय के नियमित छात्र होने के कारण चुनाव में खड़े होने एवं वोट डालने का पूर्ण अधिकार है। चुनावों के दौरान छात्र अधिकतम पांच हजार रुपए खर्च कर सकता है।