रायपुर। केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बुधवार को कहा कि देश में अब नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान केंद्रीय विद्यालयों के तर्ज पर खोले जाएंगे।
रूडी यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ प्रदेश सरकार के कौशल विकास विभाग के कार्यो की समीक्षा कर रहे थे।
रूडी ने बताया कि केंद्र सरकार ने देशभर में आईटीआई की ब्रांडिंग का निर्णय लिया है, ताकि उनकी युवाओं में कौशल उन्नयन की दृष्टि से आईटीआई की लोकप्रियता बढ़ सके। विगत लगभग 68 वर्षो में पहली बार आईटीआई के लिए प्रतीक चिह्न (लोगो) बनाया गया है।
रूडी ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए चलाए जा रहे प्रकल्पों की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने वर्ष 2013 में कानून बनाकर 14 वर्ष से 45 वर्ष तक आयु समूह के युवाओं को कौशल विकास का अधिकार दिया है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार ने वर्ष 2015-16 से अब तक कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 400 करोड़ रुपए फंडिंग की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देशभर में लगभग 13 हजार आईटीआई हैं। इनमें से तीन हजार सरकारी हैं। हमारा प्रयास है कि निकट भविष्य में सभी आईटीआई गुणवत्ता की दृष्टि से बेंच मार्क साबित हों। अब आईटीआई की परीक्षाएं ऑनलाइन भी करवाई जा रही हैं और रिजल्ट तत्काल दिए जा रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि छत्तीसगढ़ के लगभग सभी विकासखंडों में राज्य सरकार ने आईटीआई की स्थापना कर ली है। इनमें 172 सरकारी और 101 निजी आईटीआई हैं। राज्य में सरकारी और निजी क्षेत्र में संचालित आईटीआई का अनुपात अन्य राज्यों की तुलना में अच्छा है। केवल चार विकासखंड ऐसे हैं जहां आईटीआई खोलना बाकी है।
उन्होंने आईटीआई और कौशल उन्नयन केंद्रों तथा लाइवलीहुड कॉलेजों में प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की जरूरत पर भी बल दिया और कहा कि इसके लिए भी केंद्र सरकार गंभीरता से प्रयास कर ही है।
रूडी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के कौशल उन्नयन के महत्व को देखते हुए लगभग ढाई साल पहले इसके लिए अलग से कौशल विकास मंत्रालय का गठन किया और इस मंत्रालय को 30 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के लिए हमारे मंत्रालय में 12 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें से 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकारों को शत-प्रतिशत अनुदान के रूप में दी जा रही है। राज्य सरकार इसे अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुसार अपने हिसाब से खर्च कर सकती है।
केंद्रीय मंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण में राज्य सरकार के कौशल विकास विभाग की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं के तहत जहां अलग-अलग सेक्टरों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में 2646 संस्थाएं पंजीकृत हैं। इनमें से 1804 कार्यरत हैं। इनमें वर्ष 2016-17 में एक लाख से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें मिलाकर तीन लाख 57 हजार युवाओं को प्रशिक्षण जा चुका है।
विभाग से दी गई जानकारी के अनुसार विशेष वर्गो के हितग्राहियों को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत 3416 जेल बंदियों सहित विशेष पिछड़ी जनजातियों के 3099 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। विधवा तथा परित्यक्त 1,781 महिलाओं को और 71 ट्रांसजेंडरों को भी कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका हैं।
उन्होंने कहा कि कंप्यूटर हार्डवेयर, राजमिस्त्री, नर्सिग, वस्त्र निर्माण (गारमेंट मेकिंग) ब्यूटी पार्लर, कृषि, ऑटोमोटिव रिपेयरिंग प्लास्टिक इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण जारी है। रूडी ने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ सरकार की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में ट्रेड्स की संख्या बढ़ाने का भी आश्वासन दिया।