अजमेर। शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को छू रहा है। राजस्थान की शिक्षा पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना रही है।
स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही शैक्षणिक स्तर भी बढ़ा है। प्रदेश में सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का विश्वास पुनः कायम हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए लागू की गई योजनाओं के भी शानदार परिणाम सामने आए है।
राज्य सरकार अगले सत्र से स्कूलों में कत्थई और हल्के भूरे रंग की नई यूनिफार्म लागू करेगी। देवनानी ने आज राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत हाथीखेड़ा, फॉयसागर तथा माकड़वाली स्कूलों में 1.29 करोड़ रुपए की लागत से बने नए कक्षा कक्षों, प्रयोगशाला, पुस्तकालय एवं अन्य कक्षों का लोकार्पण किया।
इस उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में राजस्थान ने शिक्षा के क्षेत्रा में ऊंची छलांग लगायी है। राजस्थान के 27 हजार प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप एवं तीन लाख बालिकाओं को साईकिल का वितरण शीघ्र किया जाएगा। विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति गंभीरता लाने के लिए इसी सत्रा में पांचवी बोर्ड की परीक्षा आयोजित की जाएगी।
राज्य सरकार अगले सत्र से स्कूल की यूनिफार्म भी बदलने जा रही है। अब कत्थई और हल्के भूरे रंग की यूनिफार्म स्कूलों में लागू की जाएगी। प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है। हमने शिक्षकों की लगभग सभी मांगों को पूरा कर दिया है।
पिछले तीन सालों में नामांकन बढ़ने के साथ ही अभिभावकों का सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास भी बढ़ा है। सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत शिक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। आगामी कुछ समय में हजारों शिक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में बालिका शिक्षा में सुधार की मिसाल गार्गी पुरस्कार से मिलती है। दो साल में गार्गी पुरस्कार लेने वाली बालिकाओं की संख्या 44 हजार से बढ़कर 91 हजार हो गई है। सरकार शीघ्र ही शिक्षा विभाग के नियमों में भी बदलाव करने जा रही है।
इन्हें शिक्षा नियम 2017 के नाम से जाना जाएगा। मिशन मैरिट के तहत 80 प्रतिशत से अधिक अंक वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं लगाई जा रही है।
सरकारी स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भामाशाहों ने राज्य के सरकारी स्कूलों में 60 करोड़ रूपए का सहयोग दिया है। शिक्षा विभाग में शुरू की गई काउंसलिंग से विभागीय कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है।