जम्मू। समारोहों में खाने को बेकार होने से रोकने के लिए सरकार ने शादी समारोहों, मंगनी संबंधी (रिंग सेरेमनी) और अन्य पार्टिंयों में आमंत्रित किए जाने वाले मेहमानों की संख्या सीमित करने संबंधी मंगलवार को आदेश जारी कर दिया।
सीएपीडी मंत्री जुल्फिकार अली ने कहा है कि सरकार ने इसे लागू करने के लिए 40 दिनों का समय निर्धारित किया है। संबंधित डीसी इसके क्रियान्वयन को देखेंगे और सरकार के आदेश का पालन नहीं करने वालों के लिए सजा सुनिश्चित करने के लिए एक और कानून बनाएंगे।
मंत्री ने कहा है कि इस आदेश का पालन न करने वाले किसी को भी नहीं बख्शा जायेगा भले ही वो नौकरशाह हो या फिर राजनीतिज्ञ। उन्होंने कहा कि लड़की की शादी के लिए 500 मेहमानों को ही आमंत्रित किया जा सकेगा जबकि लड़के की शादी के लिए 400 लोगों को ही बुलाया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि मंगनी समारोहों के लिए लोग केवल 100 मेहमानों को ही बुलाया जा सकेगा।
शादी में खाने का मीनू भी तय
इसके साथ ही सरकार ने व्यंजनों की संख्या भी सीमित करते हुए सात मांसाहारी और सात शाकाहारी व्यंजन ही शादी समारोहों में परोसे जाने की सीमा तय की है और साथ ही मिष्ठान के दो व्यंजन या आईसक्रीम परोसे जाने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा है कि शादी का न्योता देते समय किसी प्रकार की मिठाई या ड्राई फ्रूट नहीं दिया जायेगा।
स्पीकरों के इस्तेमाल पर भी नियंत्रण
उन्होंने यह भी कहा कि डीजे/सीम्पलीफायर और स्पीकरों के इस्तेमाल पर भी नियंत्रण होगा जिनसे ध्वनि प्रदूषण होता है। जुल्फिकार ने कहा कि धार्मिक और सामाजिक संगठनों के आग्रह पर यह आदेश जारी किया गया है। उल्लेखनीय है केन्द्र सरकार ने गत दिनों शादी समारोहों में खर्च की जाने वाली धन राशि की सीमा पांच लाख निर्धारित की है। इसी कड़ी में राज्य के इस आदेश को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे राज्य में भी शाही समारोहों में होने वाली भारी भरकम राशि में कटौती होगी और आम आदमी को काफी हद तक राहत मिल सकेगी।