आजमगढ़। नया साल जहां विकास के लिए याद किया जाएगा वहीं राजनीतिक उथल-पुथल वाला भी साबित होगा। ज्योतिष गणना के अनुसार 31 दिसंबर की रात 12 बजे उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मंगल वर्ष की शुरुआत होगी।
मंदगामी तीन ग्रहों मे से राहु व गुरु ग्रह इस बार राशि परिवर्तन करेंगे। शनि पूरे वर्ष भर वृश्चिक राशि पर यथावत रहेगा। इसके चलते मेष और सिंह राशि पर ढैया का प्रभाव और तुला वृश्चिक, धनु राशि पर साढ़े साती का प्रभाव बना रहेगा।
ज्योतिषी देवी प्रसाद तिवारी ने बताया कि जनवरी से ही आंशिक कालसर्प योग भी प्रारंभ हो रहा है। इसके चलते वर्ष 2016 भार के लिए आंशिक फलदायक रहेगा। कहीं कहीं राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल सकता है।
कालसर्प योग के फरवरी माह में पूर्णकालिक तथा मार्च माह में पुनरू आंशिक होने की वजह से इस समयकाल में जन्म लेने वाला जातक कालसर्प योग से ग्रस्त होने की वजह से स्वास्थ्य संबंधी गड़बडियों का शिकार हो सकता है।
राहू का गुरु चाण्डाली योग में 29 जनवरी से 11 अगस्त तक रहेगा। इस काल में धार्मिक कार्य करने पर व्यवधान उत्पन्न होगा। राहु के साथ गुरु के चाण्डाल योग मे रहने से धर्म की हानि संभव है।
इस वर्ष सूर्य की राशि में ग्रहों का योग बनने से जलीय ग्रहों की शक्ति क्षीण होगी जो कि अवर्षण की स्थिति पैदा करेगा। ग्रहण में इस वर्ष पहला सूर्यग्रहण नौ मार्च को होगा जो कि भारत के पूर्वी भाग को प्रभावित करेगा। इससे वहां पर उथल-पुथल की स्थितियां बनेंगी।
23 मार्च को चंद्रगहण से आर्थिक मंदी को बल मिलेगा। एक सितंबर को आंशिक सूर्यग्रहण तथा 16 सितंबर को मलिन चंद्र ग्रहण होगा जिसका असर भारत में नहीं रहेगा।
13 फरवरी को बसंत पंचमी, 15 अप्रैल को रामनवमी, 9 मई को अक्षय तृतीया, 14 जून को गंगा दशहरा पर्व पड़ेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सूर्य के अन्य ग्रहों के योग में उच्च स्थान पर विराजमान होने की वजह से 25 मई से दो जून तक के सप्ताह में असहनीय गर्मी पड़ेगी। इसकी वजह से लोग त्रहि त्रहि कर उठेंगे।