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नई दिल्ली। एक कार्टून के जरिए भारत के मिशन मंगलयान का मजाक बनाने वाले अमरीकी न्यू पेपर न्यूयार्क टाइम्स को आखिरकार माफी मांगनी पड़ी। कार्टून छापने पर इस अखबार को पाठकों के विरोध का सामना करना पड़ा था…
फेसबुक के जरिए न्यूज पेपर ने अफसोस जताते हुए लिखा कि बहुत सारे पाठकों ने न्यूयार्क इंटरनेशनल में छपे उस संपादकीय कार्टूून की शिकायत की है, दरअससल ये कार्टून भारत के अंतरिक्ष में सशक्त प्रयासों पर बनाया गया था न कि व्यंग्य करने के लिए। फिर भी अगर लोगों की भावनाओं को ठेस लगी हो तो हम इस पर माफी मांगते हैं।
मालूम हो कि भारत के मंगलयान ने मंगल की कक्षा में प्रवेश करने पर भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया जो प्रयास में यान मंगल की कक्षा में भेजने में सफल रहा। इससे पहले रूस, अमरीका और यूरोपीय संघ मंगल पर अपने यान भेजने में सफल रहे लेकिन इसके लिए उन्हें कई प्रयास करने पड़े।
जिस कार्टून पर विवाद हुआ वह सिंगापुर के हेंग किम सांग ने बनाया था। हालांकि अखबार ने संपादकीय पेज के एडिटर एंड्रयू रोसेंथल का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें अपने कार्टून में यह दर्शाना था कि अंतरिक्ष अभियान पर अब केवल अमीरों का ही कब्जा नहीं रह गया है। उनका तात्पर्य पश्चिमी देशों से था। हेंग का मकसद भारत, सरकार या भारत के लोगों पर सवाल उठाना बिल्कुल नहीं था।
कार्टून में दिखाया गया था कि एक ग्रामीण वेशभूषा का व्यक्ति एक गाय लेकर एलीटिस्ट स्पेस क्लब का दरवाया खटखटा रहा है। अंदर क्लब के कमरे में संभ्रांत सरीख्खे दिख रहे कुछ लोग बैठे हैं। भारतीयों ने इसे घमंडी और नस्लीय मानसिकता की उपज बताया था। कार्टून की चौतरफा आलोचना हुई। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अखबार पर गुस्सा जाहिर किया। दबाव में आकर अखबार को माफी मांगनी पड़ी।