जम्मू। आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान से धन प्राप्त करने के मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के हिस्से के तौर पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को जम्मू के एक सामाजिक कार्यकर्ता और कारोबारी, देविंदर सिंह बहल से पूछताछ की।
इस कारोबारी को कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी का करीबी माना जाता है और आम तौर पर इसे मारे गए आतंकवादियों के जनाने में शामिल होते देखा गया है।
एनआईए ने कहा कि उसने जम्मू एवं कश्मीर सोशल पीस फोरम (जेकेएसपीएफ) के अध्यक्ष, बहल के आवास व कार्यालय की तलाशी ली। जेकेएसपीएफ गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरवादी धड़े से संबद्ध है।
एनआईए ने एक बयान में कहा है कि तलाशी अभियान के दौरान चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट, कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और वित्तीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बयान में कहा गया है कि एनआईए की टीमों द्वारा पूछताछ जारी है।
एनआईए ने दावा किया कि बहल गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य है। वह हुर्रियत के एक शीर्ष नेता का घनिष्ठ सहयोगी है और वह नियमित तौर पर मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होता था।
एजेंसी ने कहा कि वह बहल की एक संदेशवाहक के रूप में भूमिका की जांच कर रही है, क्योंकि उसपर संदेह है कि वह पाकिस्तान स्थित आकाओं से धन लेकर अलगाववादी नेताओं तक पहुंचाने में संलिप्त रहा है।
इससे पहले एनआईए ने आठ अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी में आतंकवादी वित्त पोषण के संबंध में गिरफ्तार किया था। इसमें शब्बीर शाह, अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहराज कलवल, शाहिद-उल-इस्लाम, नईम खान और बिट्टा कराटे शामिल हैं।
इन आरोपियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए रिमांड पर ले रखा है। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।