नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) के डिप्टी एसपी तंजीम अहमद की हत्या की सूचना पर आला अधिकारी मुरादाबाद पहुंच गए हैं। पुलिस के साथ ही एनआईए ने भी हत्या को लेकर कई स्तरीय जांच शुरु कर दी है। शुरुआत में इसे आतंकवादियों के हमले से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।
पठानकोट मामले की जांच कर रहे एनआईए डिप्टी एसपी तंजीम अहमद की शनिवार देर रात दो बाइक सवारों ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी। हालांकि एनआईए ने कहा कि अधिकारी के मौत का पठानकोट हमले के दौरान जांच टीम से किसी भी तरह का कोई वास्ता नहीं है। हमले के दौरान अधिकारी तंजीम अहमद के साथ उनकी पत्नी फरजाना और दोनों बच्चे थे, जो अपनी भतीजी की शादी समारोह से लौट रहे थे।
एनआईए के अनुसार दिल्ली में तैनात एनआईए अधिकारी पर शनिवार देर रात हमला हुआ। हमले में डिप्टी एसपी की मौत हो गर्इ जबकि उनकी पत्नी फरजाना गंभीर रूप से घायल हो गर्इं। मामले के पीछे आतंकी हाथ होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा।
पुलिस के मुताबिक स्योहारा थाने के कस्बा सहसपुर निवासी पचास वर्षीय तंजील अहमद पुत्र मोहम्मद यामीन एनआईए में डिप्टी एसपी के पद पर दिल्ली में तैनात थे। वह स्योहारा में अपनी भांजी के शादी समारोह से पत्नी व दो बच्चों के साथ कार से अपने पैतृक कस्बे सहसपुर लौट रहे थे।
तभी दो बाइकों पर आए बदमाशों ने स्वचालित हथियारों से उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई और फरार हो गए। अधिकारी तंजील अहमद को आठ गोलियां लगी,जबकि उनकी पत्नी फरजाना को भी दो गोलियां लगी। बच्चों शहबाज और जिमनिस ने सीट के नीचे घुसकर अपनी जान बचाई।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों की मदद से तंजील अहमद व फरजाना को कोसमोस हॉस्पिटल मुरादाबाद पहुंचाया, जहां तंजील अहमद को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि फरजाना को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कर दिया।
सूचना पर पुलिस अधिकारियों ने बदमाशों की रात भर तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। सूत्रों के अनुसार एक साल पूर्व डीएसपी तंजील अहमद की कुछ आतंकियों को पकड़ने में अहम भूमिका रही थी। इनकी हत्या को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।