नई दिल्ली। नीतीश कटारा ऑनर किलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर मोहर लगाते हुए सोमवार को उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता के बेटे विकास यादव, भतीजे विशाल यादव और उनके एक अन्य साथी सुखदेव पहलवान की सजा बरकरार रखी।
नीतीश की मां नीलम कटारा ने फैसले पर खुशी जताते हुए, इसे एक बहुत बड़ा दिन बताया। इससे पहले 6 फरवरी 2015 को नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी विकास, विशाल को 30-30 साल और उनके साथी सुखदेव को 20 साल तक तक बिना किसी छूट के कैद की सजा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाईकोर्ट के इस फैसले को सही ठहराते हुए तीनों की सजा बरक़रार रखी।
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश की मां नीलम कटारा ने कहा कि साढ़े तेरह साल से वह और अन्य लोगों जो कह रहे थे, उसकी आज पुष्टि हो गई। हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के मोहर लगाने से बड़ी राहत मिली है।
गौरतलब है नीतीश कटारा का विकास यादव की बहन भारती यादव के साथ प्रेम संबंध था, जिसके चलते 16 फरवरी 2002 को गाजियाबाद में अपने दोस्त की शादी समारोह में आए नीतीश का विशाल व साथियों ने अपहरण लिया।
इसकी सूचना भारती ने नीतीश को मां को दी। हालांकि चार दिन तक नीतिश का पता नहीं चला। 20 फरवरी 2002 को बुलंदशहर के खुर्जा गांव में हापुड़ क्रासिंग के पास नीतीश का शव जली अवस्था में मिला।
पुलिस को जांच में विशाल व विकास और सुखदेव का नाम आने के बाद 23 अप्रैल 2002 को मध्य प्रदेश से विकास और विशाल यादव गिरफ़्तार किया गया। इसके बाद केस को राजनैतिक प्रभाव से बचाने के चलते गाजियाबाद से दिल्ली कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।
मामले में गत 6 फरवरी 2015 को हाईकोर्ट ने विकास और विशाल 30 साल की सजा और सुखदेव पहलवान को 20 साल की सजा सुनाई। इसी के बाद अभियुक्तों ने 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।