नई दिल्ली। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद चार राज्यों की 18 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनावों में जहां भारतीय जनता पार्टी लोक सभा चुनाव के जादू को दोहराने में विफल रही, वहीं कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दलों ने अपनी स्थिति सुधारकर एक बार फिर अपनी वापसी के संकेत दे दिए।
इन उपचुनावों में कांग्रेस तथा उसके मित्र दलों ने 10 सीटें जीतीं वहीं भाजपा और उसके सहयोगी दलों को आठ सीटों पर संतोष करना पड़ा। पिछले लोक सभा चुनावों में करारी शिकस्त झेलने वाली कांग्रेस के लिए उत्तराखंड के बाद ये उप चुनाव परिणाम काफी उत्साहजनक हैं।
पिछले माह उत्तराखंड की तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में सभी तीन सीटें जीतने से कांग्रेस में नई आशा का संचार हुआ था। इन उपचुनावों में सबकी नजरें बिहार पर लगी थीं जहां सबसे अधिक दस सीटों पर उप चुनाव हुए।
बिहार विधानसभा के सेमीफाइनल माने जाने वाले इस उपचुनाव में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल तथा कांग्रेस के महागठबंधन ने भाजपा और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी गठबंधन को छह-चार से पछाड़ दिया। राजद को तीन, जदयू को दो और कांग्रेस को एक सीट पर जीत हासिल हुई। वहीं भाजपा को चार सीट पर ही संतोष करना पड़ा।
लोजपा इसमें अपना खाता नहीं खोल पाई। पिछले विधानसभा चुनावों में इन दस सीटों में से छह पर भाजपा, तीन पर राजद और एक पर जदयू का कब्जा था। भाजपा को इस उप चुनाव में दो सीट का नुकसान हुआ है।